कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विधायकों की शपथ को चुनौती देने संबंधी याचिका खारिज की
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने कहा कि यह एक तकनीकी मुद्दा है कि कुछ व्यक्तियों के नाम पर शपथ ली गई थी। याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें नौ मंत्रियों और 37 विधायकों की शपथ को चुनौती दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि शपथ निर्धारित प्रारूप में नहीं ली गई थी।
याचिका में दावा किया गया था कि उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, जमीर अहमद खान, के. एन. राजन्ना और अन्य निर्धारित प्रारूप में पद की शपथ लेने में विफल रहे और इसलिए इसे असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने कहा कि यह एक तकनीकी मुद्दा है कि कुछ व्यक्तियों के नाम पर शपथ ली गई थी। याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। वे मतदाताओं द्वारा निर्वाचित किये जाते हैं। यह एक तकनीकी मुद्दा है...।कभी-कभी उत्साह में कोई किसी की जय-जयकार कर सकता है। उन्हें अपना काम करने दीजिए। यदि आप उनसे इतने नाखुश हैं, तो देख लें कि आने वाले चुनावों में वे आपके प्रतिनिधि नहीं हों।
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