कर्नाटक सरकार कोविड-19 ‘घोटाले’ से जुड़ी रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए एसआईटी गठित करेगी

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गृह मंत्री जी परमेश्वर, विधि मंत्री एच के पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे, श्रम मंत्री संतोष लाड और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल समिति के सदस्य हैं।

कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 ‘घोटाले’ से जुड़ी एक रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और एक कैबिनेट उपसमिति गठित करने का बृहस्पतिवार को निर्णय लिया।

न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा जांच आयोग ने राज्य में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान, कोविड​​​​-19 महामारी के समय उपकरणों और दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने के बाद यह रिपोर्ट दी है।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एसआईटी और कैबिनेट उप समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि 31 अगस्त को 11 खंडों में प्रस्तुत ‘आंशिक’ रिपोर्ट में आयोग ने 7,223.64 करोड़ रुपये के खर्च की जांच की।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी राशि के दुरुपयोग को नहीं इंगित किया है लेकिन आयोग ने 500 करोड़ रुपये की वसूल किये जाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के चार जोन और राज्य के 31 जिलों से रिपोर्ट मांगी है और उसे अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। संबंधित विभागों से 55,000 फाइलों का सत्यापन करने के बाद ‘आंशिक’ रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।’’

कैबिनेट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति का गठन किया। गृह मंत्री जी परमेश्वर, विधि मंत्री एच के पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे, श्रम मंत्री संतोष लाड और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल समिति के सदस्य हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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