Karnataka: केआईएडीबी मामले में तलाशी के बाद ईडी ने नकदी और दस्तावेज जब्त किए
केआईएडीबी-धारवाड़ के अन्य अधिकारियों ने भूमि दलालों के साथ साजिश रची और भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के बहाने सात व्यक्तियों के लिये 19.99 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।
ईडी ने मंगलवार को कहा कि हुबली हवाई अड्डे और आईआईटी-धारवाड़ जैसी परियोजनाओं के लिए कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा अधिग्रहीत भूमि में कथित धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में तलाशी के बाद डिजिटल उपकरण, 1.5 करोड़ रुपये नकद और दस्तावेज जब्त किए गए।
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह छापेमारी 9-10 अगस्त को बेंगलुरू और धारवाड़ में एक दर्जन परिसरों पर की गई, जिसमें बेंगलुरू स्थित केआईएडीबी का मुख्यालय और धारवाड़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय भी शामिल थे।
धन शोधन का यह मामला धारवाड़ के विद्यागिरी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत “मुख्य आरोपी” वी.डी. सज्जन (केआईएडीबी-धारवाड़ के पूर्व विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी) और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है। बाद में पुलिस से मामला सीआईडी, धारवाड़ को स्थानांतरित कर दिया गया।
प्राथमिकी और आरोपपत्र में आरोप लगाया गया था कि सज्जन और केआईएडीबी-धारवाड़ के अन्य अधिकारियों ने भूमि दलालों के साथ साजिश रची और भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के बहाने सात व्यक्तियों के लिये 19.99 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हालांकि कहा कि इन व्यक्तियों को पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। आरोप लगाया गया कि यह पाया गया कि उक्त तरीके का उपयोग करके कुल 72.55 करोड़ रुपये की राशि निकाल ली गई, जबकि यह भी पता चला कि यह सज्जन के कार्यकाल से पहले किया गया था।
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