तहव्वुर राणा के प्रर्त्यपण को कन्हैया कुमार ने बताया बीजेपी की चाल, प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस नेता पर उठाए सवाल

Kanhaiya Kumar
ANI
अंकित सिंह । Apr 11 2025 1:02PM

कन्हैया कुमार ने कहा कि चूंकि भाजपा के पास नाम के लायक कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह किसी न किसी बहाने जनता के मुद्दों को भटकाने की कोशिश करती है। वक्फ विधेयक इसका एक और उदाहरण है। सरकार ने दावा किया कि वह गरीब मुसलमानों के लाभ के लिए यह कानून ला रही है।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण भाजपा द्वारा केंद्र सरकार की अपने वादों को पूरा करने में विफलता से जनता का ध्यान हटाने की एक चाल है। कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राणा का प्रत्यर्पण नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है। 64 वर्षीय राणा डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है, जिसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है और वह 2008 के हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।

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कन्हैया कुमार ने कहा कि चूंकि भाजपा के पास नाम के लायक कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह किसी न किसी बहाने जनता के मुद्दों को भटकाने की कोशिश करती है। वक्फ विधेयक इसका एक और उदाहरण है। सरकार ने दावा किया कि वह गरीब मुसलमानों के लाभ के लिए यह कानून ला रही है। इस बात पर कौन विश्वास करेगा, जबकि यह सरकार समुदाय के लोगों को अपनी छतों पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं देती है? जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "हम सभी को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उनकी बयानबाजी याद है। हर भाजपा नेता कह रहा था कि अब बिहार और देश के अन्य हिस्सों के लोग कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे। मुझे एक भी व्यक्ति दिखाइए जो तब से वहां संपत्ति खरीद पाया हो।" 

यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को कुमार की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक बताया और उनसे कहा कि "वह जो कहते हैं उस पर ध्यान दें"। चतुर्वेदी ने राणा के प्रत्यर्पण को “देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि” बताया और राजद्रोह के आरोपी कुमार से अपना बयान वापस लेने को कहा। शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा, "तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उसे भारत वापस लाने के लिए किए गए निर्णय और प्रयास स्वागत योग्य और सराहनीय हैं। तहव्वुर राणा को मौत की सज़ा मिलनी चाहिए। उसे मुंबई के किसी सार्वजनिक चौराहे पर एक संदेश के तौर पर फांसी दी जानी चाहिए।"

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प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि राणा के बाद भारत सरकार डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की भी मांग करेगी। चूंकि 26/11 के हमलों में छह अमेरिकी नागरिक भी मारे गए थे, इसलिए अमेरिका को हेडली के प्रत्यर्पण का भी समर्थन करना चाहिए। उन्होंने सहयोगी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा, "इस मामले पर कन्हैया कुमार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है। उन्हें अपनी बातों पर ध्यान देना चाहिए और तुरंत अपना बयान वापस लेना चाहिए।" 

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