राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण आप सभी को झारखण्ड वापस लाना सम्भव नहीं: हेमंत सोरेन
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Mar 30 2020 10:08PM
मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए कर्नाटक सरकार ने मंगलोर में फंसे खूंटी के 281 आदिवासी भाईयों को मदद पहुंचाने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री को कर्नाटक सरकार ने बताया कि फंसे हुए लोगों को हर जरूरी मदद दी जाएगी।
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि राज्य से बाहर रह रहे झारखण्ड के सभी भाई-बहन याद रखें आपदा की घड़ी में वह अकेले नहीं हैं, राज्य सरकार उनके साथ है लेकिन राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी को झारखण्ड वापस लाना सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री ने आज यहां समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सभी को झारखंड वापस लाना संभव नहीं है लेकिन मदद आप तक जरूर पहुंचेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुनः करबद्ध प्रार्थना है जहां हैं। वहीं रहें। यही इस महामारी से बचने का सबसे कारगार और सुरक्षित उपाय है। मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के सम्पर्क में हूँ। ताकि आप तक मदद और जरूरी सुविधाएं जल्द से जल्द पहुंचे। जितना आप घर पर रहेंगे उतना ही आप और आपके अपने सुरक्षित रहेंगे।’’
इस बीच मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए कर्नाटक सरकार ने मंगलोर में फंसे खूंटी के 281 आदिवासी भाईयों को मदद पहुंचाने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री को कर्नाटक सरकार ने बताया कि फंसे हुए लोगों को हर जरूरी मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री सोरेन ने उपायुक्त पलामू को लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री को जानकारी मिली थी कि पलामू स्थित हैदरनगर बाजार में लॉकडाउन में सामाजिक मेलजोल में कमी का भी पालन नहीं हो रहा। बाजार में मेला जैसा माहौल। इसके बाद संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उपरोक्त आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसी स्थिति दोबारा ना हो इसका पूरा ध्यान रखें।पूर्व मंत्री श्री .@bjpcpsingh जी को मैं पूर्ण विश्वास दिलाना चाहूँगा कि मदद हर झारखंडी तक ज़रूर पहुँचेगी। इस आपदा की घड़ी में हम हर सम्भव प्रयास कर रही हैं की झारखंडियों को कम से कम परेशानी हो। https://t.co/78AyfsxE4j
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) March 30, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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