इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड Ex-IPS Lalduhoma की पार्टी मिजोरम में लेकर आयी क्रांति, ZPM का इतिहास जान हैरान रह जाएंगे
ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के 74 वर्षीय संरक्षक, लालदुहोमा ने शुरुआत में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और तटीय राज्य गोवा में सेवा की। फिर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा के प्रभारी के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
निर्भया कांड के बाद से दिल्ली से कांग्रेस की पकड़ लगातार कमजोर होती रही। दिल्ली में चुनाव हुए और एक नयी पार्टी अरविंद केजरीवाल की 'आम आदमी पार्टी' ने दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस को उखाड़ फेंका। दिल्ली की 'आप' 2011 के अन्ना हजारे वाले ‘लोकपाल आंदोलन’ से निकली थी। अन्ना तो अपने उसूलों पर रहे लेकिन उनके चेलों से अपने लिए राजनीतिक सफर पक्का कर लिया। ऐसा ही कुछ दिल्ली से 2000 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व भारत के मिजोरम राज्य में हुआ, जहां सालों से सत्ता पर कब्जा बनाए बैठी राजनीतिक पार्टियों की नींव हिल गयी। राज्य में ग्रामीण और कुछ 6 छोटे-छोटे राजनीतिक दलों ने मिलकर एक ग्रुप बनाया। इस ग्रुप का नाम ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) था। इस समुह ने छोटी मोटी शुरूआत करते हुए पहले लोगों के दिलों में जगह बनाई और फिर एक राजनीतिक पार्टी। ZPM की क्रांति इस बार मिजोरम विधानसभा चुवान में देखी जा रही है। इस पार्टी को 74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा लीड कर रहे हैं। अब मिजोरम में पार्टी को बहुमत हासिल हो गया है और लालदुहोमा ही मिजोरम के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। आखिर लालदुहोमा कौन है। मिजोरम के लोगों ने उनको इतना प्यार कैसे दिया। जानते हैं उनकी पूरी कहानी-
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मिजोरम में वोटों की गिनती जारी है और सभी की निगाहें 74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा और उनकी पार्टी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के प्रदर्शन पर हैं। पार्टी मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा के मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) से काफी आगे है और सत्तारूढ़ पक्ष को सत्ता से बेदखल करने की राह पर है। एग्जिट पोल ने मिजोरम में जेडपीएम द्वारा क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी की और 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 28-35 सीटें हासिल करने का अनुमान लगाया। इसमें यह भी अनुमान लगाया गया है कि मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा के मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सिर्फ 3-7 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस पार्टी को 2-4 सीटें और भाजपा को 0-2 सीटें मिलेंगी। मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों के लिए विधायकों के चुनाव के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था। अब मिजोरम में ZPM का बोलबाला है। पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है।
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लालदुहोमा कौन है?
ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के 74 वर्षीय संरक्षक, लालदुहोमा ने शुरुआत में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और तटीय राज्य गोवा में सेवा की। फिर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा के प्रभारी के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। सेवा से बाहर आने के बाद, उन्होंने ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) की स्थापना की और 1984 में लोकसभा में प्रवेश करके इतिहास रच दिया। हालाँकि, उनकी राजनीतिक गति में तब बदलाव आया जब वह दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता का सामना करने वाले पहले सांसद बने।
असफलता के बावजूद, लालदुहोमा ने पूर्वोत्तर राज्य में काम करना जारी रखा और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पिछले विधानसभा चुनाव में, उन्हें ZNP के नेतृत्व वाले ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने के लिए उन्हें 2020 में विधान सभा के सदस्य के रूप में भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने 2021 में सेरछिप सीट के लिए उपचुनाव जीता।
#WATCH | Aizwal: Leader of Zoram People’s Movement (ZPM) Lalduhoma says, " I don't want to make any statement until the counting is over, we are hopeful that's it...right from the beginning I have said that we will have a comfortable majority and we will form a stable govt, we… pic.twitter.com/ulXGWmaL3M
— ANI (@ANI) December 3, 2023
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