भारतीय सेना 140 करोड़ भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है : Yogi Adityanath
मुख्यमंत्री ने 11 गोरखा राइफल रेजीमेंटल सेंटर में आयोजित ‘किरांति शौर्य समारोह’ को संबोधित करते हुए ये बात कही। योगी ने इस मौके पर सैनिकों के हैरतअंगेज करतब भी देखे। बच्चों ने कराटे व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना 140 करोड़ भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है और सेना के शौर्य व पराक्रम पर कोई भी भारतीय संदेह नहीं करता। मुख्यमंत्री ने 11 गोरखा राइफल रेजीमेंटल सेंटर में आयोजित ‘किरांति शौर्य समारोह’ को संबोधित करते हुए ये बात कही। योगी ने इस मौके पर सैनिकों के हैरतअंगेज करतब भी देखे। बच्चों ने कराटे व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ भारतीय सेना का स्वर्णिम इतिहास रहा है। देशवासी इसके शौर्य व पराक्रम को न केवल जानते हैं, बल्कि अटूट विश्वास भी करते हैं।’’ उन्होंने कहा , ‘‘हमारे सैनिकों ने युद्ध काल व शांतिकाल में देश की रक्षा व सेवा का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। जीवन की परवाह किए बिना भारतीय जवानों ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में दुर्गम स्थानों पर रहकर भारत की एकता-अखंडता व संप्रभुता की सदैव रक्षा की है। भारत की आजादी के बाद गठितपहली रेजीमेंट का गौरव गोरखा राइफल को प्राप्त है।’’ उन्होंने कहा कि अनुशासन, देशभक्ति और युद्ध कौशल गोरखा रेजीमेंट की पहचान है। गोरखा की शौर्यगाथा का उल्लेख सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की अनेक सेनाओं ने किया है। गोरखा अपनी बहादुरी का परिचय शब्दों से नहीं, बल्कि सीमा पर तैनाती के दौरान अपनी वीरतापूर्ण कार्रवाई से देते हैं। एक बयान में कहा गया कि आतंकियों से निपटने में सक्षम भारतीय सेना की शौर्य गाथा को देख दर्शकों ने तालियों से सैनिकों का उत्साहवर्धन किया।
भारतीय सेना के अदम्य साहस के गौरवशाली क्षण को देख योगी भी अभिभूत हो गए।मुख्यमंत्री ने वीर नारियों को सम्मानित भी किया और रेजीमेंटल सेंटर के सफलतापूर्वक 75 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ वीर व पराक्रमी जवानों की 11वीं गोरखा रेजीमेंट लखनऊ में है। अपनी स्थापना के बाद कई युद्ध लड़े हैं, वर्ष 1983 में लखनऊ में आने के बाद इस रेजीमेंट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहां के वीर जवानों ने शौर्य व पराक्रम से इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है, इस रेजीमेंट ने देश को कैप्टन मनोज पांडेय जैसे शूरवीर दिए हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सेवारत, सेवानिवृत्त सैनिकों व वीर नारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सीमाओं पर सुरक्षा में प्राणों की आहूति देने वाले सैनिकों के परिजनों को प्रदेश सरकार 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि व सरकारी नौकरी की व्यवस्था भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गोरखपुर में प्रदेश के पांचवें सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने का अभियान प्रारंभ किया है। पहली जनवरी को वृंदावन मथुरा में रक्षा मंत्री ने समविद गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के चुनौतियों के अनुरूप वीर सपूतों के शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इसका एक परिसर लखनऊ में प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में जीआईएस का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने उप्र में ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ की स्थापना की घोषणा की थी। राज्य सरकार इसके निर्माण कार्य को तेजी से बढ़ा रही है। इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और अन्य लोग उपस्थित रहे।
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