भारत-जापान के बीच 2+2 की बैठक संपन्न, रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर रहा जोर

बयान में कहा गया कि उन्होंने मानव रहित ग्राउंड व्हीकल/रोबोटिक्स और भारत-जापान संयुक्त कार्य समूह के रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्रों में चल रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी में भविष्य के सहयोग के लिए ठोस क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सहमति व्यक्त की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आज जापान की राजधानी टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ दूसरी भारत-जापान 2+2 विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक की। इस बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्रियों ने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों देशों के लिए विशाल क्षमता को स्वीकार किया। बयान में कहा गया कि उन्होंने मानव रहित ग्राउंड व्हीकल/रोबोटिक्स और भारत-जापान संयुक्त कार्य समूह के रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्रों में चल रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी में भविष्य के सहयोग के लिए ठोस क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सहमति व्यक्त की।
इसे भी पढ़ें: राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत करने के लिए मंगोलिया से शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता समाप्त होने पर कहा कि हमने आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय मुद्दों की विस्तृत श्रृंखला को कवर किया। हम विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का अनुसरण कर रहे हैं। भारत और जापान के बीच रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। इससे पहले राजनाथ सिंह और जापान के उनके समकक्ष यासुकाजु हमदा ने द्विपक्षीय वार्ता में द्विपक्षीय व बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस बात को लेकर सहमति व्यक्त की कि सैन्य अभ्यास के जल्द से जल्द शुरू होने से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच ‘‘अधिक सहयोग’’ बढ़ेगा।
इसे भी पढ़ें: आईएनएस विक्रांत आकांक्षी, आत्मनिर्भर न्यू इंडिया का प्रतीक: राजनाथ सिंह
आपको बता दें कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस रिश्ते को और मजबूती मिली। यही कारण है कि दोनों देश अब बातचीत को और मजबूती से आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं। 5 महीने पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्ते को और मजबूत करने के संकल्प को दोहराए थे। इसी दौरान जापान ने भारत में अगले पांच वर्ष तक 3,20,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। अपने आप में जापान का यह भारत में बड़ा निवेश है। जापान के साथ भारत ने 2019 में ‘टू प्लस टू’ संवाद की शुरुआत की थी।
अन्य न्यूज़