सरकार के अड़ियल रुख से भारत की छवि को हुआ नुकसान, क्रिकेटर के ट्वीट से नहीं होगा ठीक: थरूर
चिदंबरम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका में कैपिटल भवन (संसद भवन) पर हमले पर टिप्पणी क्यों की थी? उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि एस जयशंकर जैसे विद्वान व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसी बचाकानी प्रतिक्रिया देना की इजाजत देनी चाहिए।
थरूर ने ट्वीट किया, भारत सरकार के लिए भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है। भारत सरकार के अड़ियल और अलोकतांत्रितक बर्ताव से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं हो सकती है। पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री ने इंडिया टूगेदर (भारत एकजुट है) और इंडिया अगेंस्ट प्रोपगेंडा (भारत दुष्प्रचार के खिलाफ है) हैशटैग के साथ ट्वीट किए हैं। इसके बाद थरूर ने यह टिप्पणी की है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘ कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए तथा आप इंडिया टूगेदर पाएंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह तथा वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा कि यह अच्छा है कि रिहाना और थनबर्ग विदेश मंत्रालय को जगा सकती हैं।For GoI to get Indian celebrities to react to Western ones is embarrassing. The damage done to India's global image by GoI's obduracy &undemocratic behaviour can't be remedied by a cricketer's tweets. Withdraw the farm laws &discuss solutions w/farmers &you'll get #IndiaTogether.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 3, 2021
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उन्होंने ट्विटर पर कहा, विदेश मंत्रालय, आपको कब एहसास होगा कि मानवाधिकार और आजीविका के मुद्दों से चिंतित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं? विदेश मंत्रालय ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर टिप्पणी क्यों की थी? इस पर विदेश मंत्रालय बेहद चिंतित क्यों था? उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्रालय श्रीलंका और नेपाल के आंतरिक मामलों पर नियमित रूप से टिप्पणी क्यों करता है? चिदंबरम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका में कैपिटल भवन (संसद भवन) पर हमले पर टिप्पणी क्यों की थी? उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि एस जयशंकर जैसे विद्वान व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसी बचाकानी प्रतिक्रिया देना की इजाजत देनी चाहिए।
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