16 घंटे तक चली भारत-चीन के बीच 10वें दौर की सैन्य वार्ता, सैन्य वापसी पर हुई चर्चा
भारत और चीन के बीच हुई दसवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया हैं जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन ने किया जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।
सेना के सूत्र के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 10वें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता 16 घंटे चली और आज सुबह रविवार को क़रीब 2 बजे मोल्दो में खत्म हुई। भारत और चीन ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग समेत फ्रिक्शन पॉइंट से डिसइंगेजमेंट पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच हुई दसवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया हैं जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन ने किया जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।
भारत और चीन के बीच 10वें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता 16 घंटे चली और आज सुबह क़रीब 2 बजे मोल्दो में खत्म हुई। भारत और चीन ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग समेत फ्रिक्शन पॉइंट से डिसइंगेजमेंट पर चर्चा की: सेना के सूत्र
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 21, 2021
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दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी। दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को नौ महीने हो गए हैं। समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है तथा अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है।
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