INDIA Alliance लोको पायलट के कामकाजी हालात में सुधार के लिए संसद में आवाज उठाएगा: Rahul Gandhi

गांधी ने एक पोस्ट में कहा, 'जिनके भरोसे करोड़ों जिंदगियां चलती हैं, उनकी अपनी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। ‘यूरिनल’ (मूत्रालय) जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित लोको पायलट के न काम के घंटों की कोई सीमा है और न ही उन्हें छुट्टी मिलती है। इस कारण वे शारीरिक और मानसिक रूप से टूट कर बीमार हो रहे हैं।'
नयी दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को लोको पायलट से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन उनके अधिकारों और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए संसद में आवाज उठाएगा। गांधी ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलट के साथ अपनी हालिया बातचीत का एक वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट कर यह टिप्पणी की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में लोको पायलट की जिंदगी की गाड़ी पूरी तरह से पटरी से उतर गई है।’’ उन्होंने कहा कि लोको पायलट को गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर 16-16 घंटे काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गांधी ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘जिनके भरोसे करोड़ों जिंदगियां चलती हैं, उनकी अपनी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। ‘यूरिनल’ (मूत्रालय) जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित लोको पायलट के न काम के घंटों की कोई सीमा है और न ही उन्हें छुट्टी मिलती है। इस कारण वे शारीरिक और मानसिक रूप से टूट कर बीमार हो रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे हालात में लोको पायलट से ट्रेन चलवाना उनकी और यात्रियों की जान को जोखिम में डालना है। गांधी ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन लोको पायलट के अधिकारों और कामकाजी हालात को बेहतर किए जाने के लिए संसद में आवाज उठाएगा।
बातचीत का वीडियो साझा करने के साथ गांधी ने कहा, ‘‘इस छोटी सी चर्चा को देखकर आप भी उनकी पीड़ा को महसूस कर सकते हैं।’’ वीडियो में लोको पायलट ने गांधी से आराम की कमी, छुट्टी न मिलने और ‘‘अमानवीय कार्य स्थितियों’’ की शिकायत की है। ‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ के दक्षिण जोन अध्यक्ष ने शनिवार को लोको पायलट को लेकर गांधी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें हालिया रेल दुर्घटनाओं के लिए खराब कामकाजी परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया गया। आर. कुमारेसन ने शुक्रवार को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गांधी और लोको पायलट के बीच बातचीत के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नरेंद्र मोदी की सरकार में लोको पायलट्स के जीवन की रेल पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2024
गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर लोको पायलट्स 16-16 घंटे काम करने को मजबूर हैं।
जिनके भरोसे करोड़ों ज़िंदगियां चलती हैं, उनकी अपनी ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं रह गया है।
यूरिनल जैसी बेसिक… pic.twitter.com/nwiG72cBv7
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कुमारेसन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वे रेलवे में लोको पायलट और यात्रियों के सामने आने वाले ‘‘गंभीर सुरक्षा मुद्दों’’ की ओर गांधी का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे। ट्रेन चालक संघों ने रेलवे के इस दावे का भी खंडन किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन लोको पायलट से मुलाकात की, जो दिल्ली मंडल से नहीं थे, बल्कि बाहर से लाये गये थे। गांधी ने शुक्रवार को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलटों से मुलाकात की थी, जिसके बाद उत्तर रेलवे (एनआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि गांधी ने जिन लोको पायलट से मुलाकात की, वे नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ‘क्रू लॉबी’ (लोको पायलट के लिए निर्धारित स्थल) से नहीं थे।
दिल्ली मंडल उत्तर रेलवे के अंतर्गत आता है। गांधी ने लोको पायलट से बात करके उनकी समस्याओं और चुनौतियों के बारे में जानकारी हासिल की थी। गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह संसद में उनके मुद्दे उठाएंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि गांधी ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देशभर से आए करीब 50 लोको पायलट से मुलाकात की और उन्होंने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं।
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