मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ी मांग, शुरू हुई कालाबाजारी
दिनेश शुक्ल । Apr 11 2021 7:47PM
ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली ने 7 अप्रैल को कोरोना के लिए रिवाइज ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके मुताबिक जिस मरीज को 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा सकता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मरीजों में जिस तरफ से इजाफा हो रहा है उसी अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी तेजी से बढ़ने लगी है। सूबे की कई मेडिकल स्टोर्स पर इसका स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो गया है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन और रतलाम में सहित कई शहरों में इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है, हालांकि सरकार ने दावा किया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की अब कमी नहीं होने दी जाएगी क्योंकि इसकी आपूर्ति के लिए आर्डर जारी कर दिए गए हैं। अब सरकार ने इसके इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। यह इंजेक्शन केवल उन मरीजों को दिया जाएगा, जिन्हें इलाज के दौरान हर रोज 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रही है।
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अचानक से मांग बढ़ने के कारण रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी बढ़ गई है। यहां तक कि इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने यह तक आदेश जारी कर दिए हैं कि इंजेक्शन को आधार और फोटो आईडी दिखाने पर ही इंजेक्शन दिया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग सरकारी स्तर पर कभी नहीं किया गया, लेकिन ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली ने 7 अप्रैल को कोरोना के लिए रिवाइज ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके मुताबिक जिस मरीज को 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जा सकता है। बता दें कि मध्य प्रदेश अभी तक करीब 54 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है।
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