बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार सीमावर्ती राज्यों की भलाई के लिए है: भाजपा
पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा के भीतर, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले पर केंद्र की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कहा कि यह राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने की मंशा से किया गया है।
नयी दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन करने संबंधी केंद्र के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम सीमावर्ती राज्यों, विशेष रूप से पंजाब, के कल्याण के लिए है, ताकि मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके।
केंद्र सरकार ने बीएसएफ कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है।
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कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केन्द्र के इस फैसले की आलोचना की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पंजाब के कांग्रेस नेता केंद्र के फैसले का विरोध आखिर क्यों कर रहे हैं? उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 50 किलोमीटर के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने की शक्तियां देने का फैसला राष्ट्र हित में है। यह हथियारों, मादक पदार्थों और गायों की तस्करी पर रोक लगाने में मददगार होगा।’’
केंद्रीय मंत्री एवं पंजाब से भाजपा सांसद सोम प्रकाश ने कहा कि पंजाब के कांग्रेस नेता इस कदम का विरोध कर रहे हैं जो बड़ी ही हैरानी की बात है क्योंकि उनकी तो मांग ही यही थी। पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा के भीतर, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले पर केंद्र की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कहा कि यह राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने की मंशा से किया गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र के कदम को ‘तानाशाही पूर्ण’ बताया और कहा कि राज्यों की पुलिस के अधिकार क्षेत्र को घटाने से पहले इस बारे में उनसे बात की जानी चाहिए थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र के कदम को तानाशाही करार दिया और निर्णय लेने में कठोर रुख अपनाने के प्रति आगाह किया।
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