बाल विवाह मामले में आया असम के डीजीपी का बयान, कहा- समय सीमा में चार्जशीट दाखिल करना चुनौती

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असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि राज्य में बाल विवाह के मामलों में 2,500 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी है। हालांकि अभी पुलिस के सामने इन सभी मामलों में समय के अंदर आरोप पत्र दाखिल करने की चुनौती होगी।

असम। असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य में बाल विवाह के मामलों में 2,500 से अधिक गिरफ्तारियां होने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती निर्धारित समय सीमा के अंदर आरोपपत्र दाखिल करने की है। सिंह ने कहा कि पुलिस की मंशा किसी को परेशान करने की नहीं है, लेकिन इसका लक्ष्य दो-तीन वर्षों के अंदर बाल विवाह की प्रथा को खत्म करना है।

सिंह ने यहां वाई-20 समिट से इतर कहा,‘‘हमने 4,074 मामले दर्ज किये हैं और मंगलवार सुबह तक 2,500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन मामलों के सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा तथा उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती अब 60 से 90 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल करने की है। असम पुलिस ने शुक्रवार को बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई की थी और शुरूआती दो दिनों में 2,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।

सिंह ने 65 आरोपियों को जमानत मिलने पर कहा,‘‘मेरे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन कितने समय तक जेल में रहता है। महत्वपूर्ण यह है कि उन्हें आरोपी बनाया गया और वे अब कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य इस साल बाल विवाह की संख्या में कमी लाना और दो-तीन साल के अंदर राज्य में इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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