अगर कोर्ट ने भी CAA को संवैधानिक माना तो यह धर्मनिरपेक्षता के ताबूत में आखिरी कील होगी
दिग्विजय ने बताया कि ये भावना जब तक हम लोग कायम नहीं रखेंगे तब तक देश को नहीं बचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज इस देश का मुसलमान घबराया हुआ है, डरा हुआ है, निराश है। निराश है व्यवस्था से, निराश है राजनीतिक दलों से, निराश है पुलिस से। एक आशा की किरण अभी ज्युडिशियरी (न्यायपालिका) बची हुई है।
भोपाल। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ने भी इस कानून को संवैधानिक मान लिया तो यह देश की धर्मनिरपेक्षता के ताबूत में आखिरी कील होगी और उसके बाद देश में क्या हालात होंगे उसे हम नहीं समझ सकते। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह पर देश की एकता को बिगाड़ने का आरोप भी लगाया है। सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) एवं राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) पर यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘‘अनेकता में एकता ही इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है, जिसे मोदी जी एवं अमित शाह जी अब बिगाड़ रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रकार आज (देश के) हालात हो रहे हैं, मैं कहना चाहता हूं कि मुझे बार-बार कहा जाता था कि दिग्विजय सिंह मुसलमान परस्त है। मैं न तो हिन्दू परस्त हूं और उन मुसलमान परस्त हूं। मैं देश परस्त हूं। मेरे लिए इस देश की अनेकता में एकता ही सबसे बड़ी ताकत है।’’
My most humble yet must Passionate Appeal to Judiciary. Please SAVE INDIAN CONSTITUTION AND SAVE OUR INDIAN DEMOCRACY. Or else those who are already losing Faith in the System would have no where to go. What would follow, I shudder to think. pic.twitter.com/piXZd5hC3a
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 23, 2020
दिग्विजय ने बताया कि ये भावना जब तक हम लोग कायम नहीं रखेंगे तब तक देश को नहीं बचा पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आज इस देश का मुसलमान घबराया हुआ है, डरा हुआ है, निराश है। निराश है व्यवस्था से, निराश है राजनीतिक दलों से, निराश है पुलिस से। एक आशा की किरण अभी ज्युडिशियरी (न्यायपालिका) बची हुई है।’’ दिग्विजय ने कहा, ‘‘ वो (देश का मुस्लिम समुदाय) देख रहा है कि असंवैधानिक सिटिजन एक्ट को सुप्रीम कोर्ट गिराती है कि रखती है। उन्होंने मोदी-शाह की सरकार के इस निर्णय को अगर कायम रख लिया,असंवैधानिक कानून को अगर उन्होंने संवैधानिक मान लिया तो धर्मनिरपेक्षता के ताबूत में यह आखिरी कील होगी। उसके बाद क्या इसमें हालात होंगे, हम नहीं समझ सकते, क्योंकि जिस प्रकार से लोगों में रोष है, उसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये (सीएए के विरोध में) मूवमेंट अब हमारे सबके हाथ से निकल गया है, राजनीतिक दल के नेताओं से निकल गया है। एक तरफ छात्र, एक तरफ हमारे अल्पसंख्यक और अल्पसंख्यक में भी पुरुष नेता सबको अलग कर दिया। पूरा आंदोलन महिलाओं के हाथ में चला गया, बच्चों के हाथ में चला गया।’’ उन्होंने कहा कि हम सीएए के समर्थन में प्रदेश में दौरा करेंगे और लोगों को समझाएंगे।
दिग्विजय ने आगे कहा, ‘‘हम चिंता नहीं करते। हो सकता है हम पर हमला भी हो। हम फिक्र नहीं करते। लेकिन इस देश में सनातनी परंपराओं को कायम रखा जाएगा। इसके लिए हम लड़ाई लड़ेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीएए की आवश्यकता क्या थी? केन्द्र सरकार के पास किसको नागरिकता देनी है उसका अधिकार उनके पास है और उसकी प्रक्रिया है। ये कानून लाने की जरूरत क्या थी? ये कानून इसलिए लाये हैं कि उन्हें देश के मुसलमानों को डराना-धमकाना है।’’ दिग्विजय ने कहा कि एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) कहती है कि जो हिन्दुस्तान में जन्मा, वह हिन्दू है। अगर यह कानून सही है तो जो हिन्दू अमेरिका एवं अफ्रीका में जन्मा है, उनका वह क्या होगा? उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी पर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह अलग-अलग बातें करते हैं। ये हमारे समझ से परे है कि इन दोनों में से कौन सही बोलता है। आतंकवादियों को अपनी कार में ले जाने वाले गिरफ्तार किये गये जम्मू-कश्मीर के डीएसपी दविंदर सिंह के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘‘मेरा आरोप अमित शाह जी एवं मोदी जी पर है कि आपका जो राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति का मापदंड है, वह दूषित है। डीएसपी दविंदर सिंह आतंकियों के साथ पकड़ा जाता है और उस पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा नहीं लगता। उस पर नेशनल सेक्युरिटी एक्ट (एनएसए) नहीं लगता।’’
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