भारत के विकास में हिंदी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : ओम बिरला
राज्यों के दूरदर्शी नेताओं ने अलग-अलग भाषाएं और बोलियों के महत्व को एकता के प्रतीक के रूप में पहचाना और पूरे देश को एकजुट करने की हिंदी की अंतर्निहित क्षमता को स्वीकार किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि हिंदी भारत की आत्मा व पहचान है तथा अन्य भाषाओं के साथ-साथ इस ने समाज तथा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बिरला ने इटावा हिंदी सेवा निधि के 30वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी ने देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में पिरोया है और उसे सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदी न केवल संचार की आम है बल्कि बदलते तकनीकी परिदृश्य के अनुसार भी इसने खुद को ढाला है।
बिरला ने कहा, “आज कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग से हिंदी साहित्य और कविता की समृद्ध विरासत दुनिया भर में उपलब्ध है।” उन्होंने कहा कि न्याय, प्रशासन और इंटरनेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हिंदी का उपयोग बढ़ रहा है।
बिरला ने कहा कि भारत के संविधान के निर्माण के दौरान विभिन्न राज्यों के दूरदर्शी नेताओं ने अलग-अलग भाषाएं और बोलियों के महत्व को एकता के प्रतीक के रूप में पहचाना और पूरे देश को एकजुट करने की हिंदी की अंतर्निहित क्षमता को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि भारत में 22 भाषाएं हैं, जिससे सदस्यों के लिए अपनी-अपनी भाषाओं में बात करना स्वाभाविक है। बिरला ने कहा कि संसद एआई जैसी आधुनिक तकनीक के साथ अनुवाद, व्याख्या और प्रतिलेखन जैसी सुविधाओं के उपयोग की व्यवहार्यता तलाश रही है।
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