हिमाचल सरकार जलाऊ लकड़ी की कीमत घटाकर 805 रुपये प्रति क्विंटल करेगी

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इन घोषणाओं को करते हुए राजस्व और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने जलाऊ लकड़ी की दरों में लगभग 500 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती करके राज्य वन निगम को सब्सिडी देने का फैसला किया है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के जनजातीय लोगों को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को कहा कि जलाऊ लकड़ी की दरें 1,300 रुपये प्रति क्विंटल से घटाकर 805 रुपये प्रति क्विंटल कर दी जाएंगी।

सरकार ने यह भी कहा कि वह भूतापीय ऊर्जा के साथ कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 18 नवंबर को आइसलैंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगी।

इन घोषणाओं को करते हुए राजस्व और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने जलाऊ लकड़ी की दरों में लगभग 500 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती करके राज्य वन निगम को सब्सिडी देने का फैसला किया है।

नेगी ने पत्रकारों को बताया कि इस सब्सिडी से जनजातीय लोगों को निगम से जलाऊ लकड़ी 805 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदने में मदद मिलेगी, जो पहले 1,300 रुपये प्रति क्विंटल थी।

उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान अत्यधिक ठंड की स्थिति के कारण आदिवासी क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी का उपयोग काफी बढ़ जाता है और दरों में कमी से आदिवासियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने गंभीर वित्तीय संकट और हाल ही में राज्य में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा के बावजूद लोगों को राहत दी। राज्य के आदिवासी लोग मुख्य रूप से लाहल और स्पीति और किन्नौर जिलों और चंबा जिले के कुछ हिस्सों में रहते हैं।

सरकार भूतापीय ऊर्जा के साथ कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 18 नवंबर को आइसलैंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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