जनता ने बता दिया हरियाणा के 3 ही लाल, चौथा नहीं, केजरीवाल का चेहरा और AAP का दांव सब फ्लॉप, सभी सीटों पर जमानत जब्त

Haryana
ANI
अभिनय आकाश । Oct 8 2024 7:11PM

पहले तो पार्टी की तरफ से हरियाणा प्रचार की कमान संभालते हुए सुनीत केजरीवाल विभिन्न मंचों से केजरीवाल की गारंटी का दावा करती नजर आती हैं। फिर खुद को हरियाणा का लाल बताने वाले केजरीवाल खुद मैदान में उतरते हैं। केजरीवाल के गृह राज्य हरियाणा में आप अकेले चुनाव लड़ी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में विफल रहने के बाद 89 उम्मीदवार मैदान में उतारे।

 हरियाणा प्रदेश के तीन 'लाल' की चर्चा होना भी लाजिमी है। यानी देवीलाल, बंशीलाल और भजनलाल। एक अरसे तक हरियाणा की राजनीति इन्हीं तीन लालों के ईर्द गिर्द घूमती रही। लेकिन इस बार आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने खुद को हरियाणा का लाल बताते हुए चुनाव में दंभ भरा। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में पहली बार हुआ कि कोई पार्टी तीसरी बार सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई है। हरियाणा में कांग्रेस अपनी जीत के लिए आश्वस्त नजर आ रही थी। राज्य की 90 में बहुमत आसानी से पा जाने का दावा कर रही थी। वहीं बीजेपी को बेहद कमजोर बताया जा रहा था। इन सब के बीच दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुकाबले को त्रिकोणीय बताया जा रहा था। चुनाव के बिगुल के बीच अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल जाती है। पहले तो पार्टी की तरफ से हरियाणा प्रचार की कमान संभालते हुए सुनीत केजरीवाल विभिन्न मंचों से केजरीवाल की गारंटी का दावा करती नजर आती हैं। फिर खुद को हरियाणा का लाल बताने वाले केजरीवाल खुद मैदान में उतरते हैं। केजरीवाल के गृह राज्य हरियाणा में आप अकेले चुनाव लड़ी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में विफल रहने के बाद 89 उम्मीदवार मैदान में उतारे।

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एक बार फिर अभेद्य किला बना हिरयाणा

हरियाणा से सटे दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर काबिज आप को प्रदेश से बहुत उम्मीदें थी। हरियाणा में वो अपने पैर जमाने की उम्मीद कर रही थी। हरियाणा में हाई वोल्टेज अभियान चलाने के बावजूद, आप को हिंदी भाषी राज्य में 1.77% वोट शेयर हासिल नहीं हुआ। अगले फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ये नतीजे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हैं। आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने दावा किया था कि जो लोग आम आदमी पार्टी को कमजोर करके आंक रहे हैं, उन्हें चुनाव के बाद पछताना पड़ेगा। लेकिन नतीजे आए तो एक बार फिर आम आदमी पार्टी द्वारा शासित दिल्ली और पंजाब के बीच स्थित होने के बावजूद, हरियाणा केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए अभेद्य बना हुआ है। 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से, आप हरियाणा में किसी भी विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही है।

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कांग्रेस के वोट में आप ने लगाई सेंध?

2019 में आप उन सभी 46 सीटों पर हार गई, जिन पर उसने चुनाव लड़ा था और उसे नोटा से भी कम वोट शेयर मिले थे। पार्टी लोकसभा चुनाव में हरियाणा में लड़ी गई एकमात्र सीट कुरूक्षेत्र और साथ ही दिल्ली में लड़ी गई सभी चार सीटें भी हार गई। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 1.79 प्रतिशत वोट मिले हैं। जैसा माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के वोटो में ही सेंध लगाई है। यदि ये वोट कांग्रेस के खाते में गए होते तो कई सीटों पर चुनावी खेल बदल जाता और कांग्रेस सत्ता में आ सकती थी। 

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