ज्ञानवापी सर्वेक्षण संबंधी आदेश पर कांग्रेस ने कहा, सभी धर्म स्थलों पर यथास्थिति बरकरार रहे
कांग्रेस ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण संबंधी अदालती आदेश की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि देश के सभी धार्मिक स्थलों पर यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं होने पर टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है।
उदयपुर। कांग्रेस ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण संबंधी अदालती आदेश की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि देश के सभी धार्मिक स्थलों पर यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं होने पर टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कांग्रेस के चिंतन शिविर से इतर संवाददाताओं से यह भी कहा कि धर्म सर्वेक्षण अधिनियम, 1991 को तत्कालीन पी वी नरसिंह राव सरकार ने इसी टकराव से बचने के लिए पारित किया था। उन्होंने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘धर्म स्थल अधिनियम, 1991 को गहन विचार-विमर्श करके पारित किया गया था।
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इससे रामजन्मभूमि को अलग रखा गया था। हमारा मानना है कि धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं और थे, उसी स्थिति में रहने चाहिए। इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए अन्यथा बड़ा टकराव होगा। इसी टकराव को खत्म करने के लिए तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने इसे पारित किया था।’’
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उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर कर दिया। साथ ही उन्होंने विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया।
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