प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महात्मा गांधी का ‘स्वच्छ भारत’ का सपना साकार हो रहा है: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात की 140 डम्प साइटों में जमा 221 लाख टन कचरे में से अब तक 210 लाख टन लीगेसी वेस्ट (कई वर्षों से इकट्ठा किया हुआ कचरा) का निपटान किया गया है।
गांधीनगर। भारत के शहरों को कचरे के ढेर से पूरी तरह से मुक्त करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से देश भर में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) लॉन्च किया गया है। 2021 में घोषित किए गए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के लिए केंद्र सरकार की ओर से 1,41,600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण 2025 तक चलेगा। इस चरण में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में हुए अभूतपूर्व कार्यों के फलस्वरूप शहरों से कचरा निस्तारण के मामले में गुजरात देश भर में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है।
गुजरात के शहरों में डम्प साइट से 95 फीसदी (210 लाख टन) कचरे का निपटान
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात की 140 डम्प साइटों में जमा 221 लाख टन कचरे में से अब तक 210 लाख टन लीगेसी वेस्ट (कई वर्षों से इकट्ठा किया हुआ कचरा) का निपटान किया गया है। 95 फीसदी कचरे के निस्तारण के बाद अब केवल 5 फीसदी कचरे का निपटान ही बाकी है। कचरे के ढेर के निपटान के मामले में गुजरात देश के बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) फेज-2 के अंतर्गत 1000 टन या उससे अधिक कचरे की मात्रा वाली कुल 2426 डम्प साइटों की पहचान की गई है, जिनमें से 140 डम्प साइटें गुजरात में हैं।
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लीगेसी वेस्ट निपटान : शीर्ष 10 राज्य
क्रम | राज्य/कें.शा. प्रदेश | डम्प साइट | लीगेसी वेस्ट (लाख टन) | निपटान (लाख टन) |
1 | गुजरात | 140 | 221 | 210 |
2 | महाराष्ट्र | 223 | 378.64 | 136.13 |
3 | उत्तर प्रदेश | 237 | 155.86 | 92.62 |
4 | तमिलनाडु | 303 | 191.6 | 85.43 |
5 | दिल्ली | 3 | 203 | 76.98 |
6 | हरियाणा | 90 | 110.44 | 71.11 |
7 | राजस्थान | 190 | 101.13 | 42.06 |
8 | पंजाब | 110 | 73.62 | 35.89 |
9 | आंध्र प्रदेश | 128 | 85.9 | 28.41 |
10 | मध्य प्रदेश | 167 | 63.23 | 15.46 |
75 फीसदी क्षेत्र साफ, 698 एकड़ जमीन हुई खाली
500 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्र में फैली डम्प साइट वाले राज्यों में भी साइट क्षेत्र को खाली कर फिर से उपयोग करने के लिए वापस लेने के मामले में गुजरात देश में अव्वल है। गुजरात में डम्प साइट के 930 एकड़ क्षेत्र में से 698 एकड़ क्षेत्र को खाली कर लिया गया है, इसके चलते 75 फीसदी जगह फिर से उपयोग के लिए प्राप्त हो गई है। राज्य में दो सबसे बड़ी डम्प साइटें (पिराणा और बोपल) अहमदाबाद में हैं, जहां से 129 लाख टन कचरे का निपटान किया गया है। इन डम्प साइटों के कुल 90 एकड़ क्षेत्र में से 46 एकड़ स्थान को खाली कर दिया गया है। भारत में कचरे से घिरा हुआ सबसे अधिक क्षेत्र महाराष्ट्र में (3352 एकड़) है, जबकि सबसे कम क्षेत्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं मिजोरम (3 एकड़) में है। राजधानी दिल्ली में डम्प साइट क्षेत्र 202 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से अभी तक कोई भी क्षेत्र खाली नहीं हुआ है। वहीं, तमिलनाडु ने सर्वाधिक 837 एकड़ क्षेत्र खाली किया है, जो कुल 1954 एकड़ क्षेत्र का 42 फीसदी है।
खाली किए गए क्षेत्र : शीर्ष राज्य (500 एकड़ और उससे अधिक क्षेत्र वाले राज्य)
क्रम | राज्य/कें.शा. प्रदेश | क्षेत्र (एकड़) | खाली किए गए क्षेत्र (एकड़) | प्रतिशतता |
1 | गुजरात | 930.68 | 698.34 | 75.04% |
2 | उत्तर प्रदेश | 1,285.11 | 585.13 | 45.53% |
3 | तमिलनाडु | 1,954.40 | 837.3 | 42.84% |
4 | मध्य प्रदेश | 856.55 | 305 | 35.61% |
5 | पंजाब | 543.97 | 127.53 | 23.44% |
6 | राजस्थान | 2,004.96 | 425.64 | 21.23% |
7 | महाराष्ट्र | 3,352.39 | 523.76 | 15.62% |
8 | आंध्र प्रदेश | 1,080.10 | 114.36 | 10.59% |
9 | तेलंगाना | 777.95 | 64 | 8.23% |
10 | पश्चिम बंगाल | 710.94 | 46.73 | 6.57% |
11 | कर्नाटक | 1,212.86 | 24 | 1.98% |
300 करोड़ रुपए की जमीन हुई खाली, नगर पालिका क्षेत्रों में लगेंगे प्रोसेसिंग प्लांट
लीगेसी वेस्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत राज्य के 8 महानगर पालिका क्षेत्रों में 201.2 करोड़ रुपए जबकि नगर पालिका क्षेत्रों में 109.6 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन खाली हो चुकी है। आगामी समय में 157 नगर पालिका क्षेत्रों की खाली हुई साइटों पर ठोस कचरे की प्रोसेसिंग यानी प्रसंस्करण के लिए प्लांट लगाए जाएंगे, जो मार्च 2025 तक कार्यरत हो जाएंगे।
गुजरात की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, “महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का जो सपना देखा था, वह हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और ईमानदार प्रयासों के कारण साकार हो रहा है। गुजरात स्वच्छता और पर्यावरण की देखभाल के साथ-साथ आर्थिक विकास की दिशा में भी अग्रसर है। हमारी सरकार पहले से ही स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में नागरिकों को और भी बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।”
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