किसान संसद में किसानों ने केन्द्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की

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प्रतिरूप फोटो

किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधि हिम्मत सिंह ने बताया कि केन्द्र द्वारा लागू कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला गया और किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। किसान संसद की चर्चा के अंत में अध्यक्ष ने मतदान करवाया और सभी ने सर्वसम्मति से कृषि कानूनों को खारिज कर दिया।

जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में बुधवार को आयोजित किसान संसद में किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।

अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर राजस्थान के किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान संसद में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में भाग लेने आये किसानों ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक पर विस्तार से चर्चा की और अपने विचार रखे।

किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधि हिम्मत सिंह ने बताया कि केन्द्र द्वारा लागू कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला गया और किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। किसान संसद की चर्चा के अंत में अध्यक्ष ने मतदान करवाया और सभी ने सर्वसम्मति से कृषि कानूनों को खारिज कर दिया।

वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और समाधान करना चाहिए। कृषि कानून वापस लिये जाने चाहिए। गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा, ‘‘अनुशासन के साथ और जिस रूप से तमाम परेशानियों के बावजूद बिना उम्मीद खोए किसान कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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