मध्य प्रदेश के किसान ने कर्ज के चलते अपने खेत में की आत्महत्या, कांग्रेस विधायक ने बताया इसे शिवराज सरकार की नाकामी
जितेन्द्र के पास 8 एकड़ खेत था, जिसमें वह खेती किया करता था। खेती के लिए उसने 4 बैंकों और समितियों से कर्ज लिया था। उस पर 8 लाख रुपये का कर्ज था। उसके 3 बैंक खाते ओवर ड्यू थे।
भोपाल। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में फसल खराब होने और कर्ज से परेशान एक किसान ने अपने ही खेत में आत्महत्या कर ली। मृतक किसान का नाम जितेंद्र पिता जगदीश पाटीदार उम्र 37 वर्ष है।
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आपको बता दें कि किसान के काका भगवान पाटीदार ने बताया कि जितेन्द्र के पास 8 एकड़ खेत था, जिसमें वह खेती किया करता था। खेती के लिए उसने 4 बैंकों और समितियों से कर्ज लिया था। उस पर 8 लाख रुपये का कर्ज था। उसके 3 बैंक खाते ओवर ड्यू थे।
इसके साथ ही कम बारिश की वजह से फसलें सूख गई थी। और इसी वजह से उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान अपने पीछे 2 लड़के 14 साल का प्रांजल ओर 12 साल का गौतम छोड़ गया है।
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इस मुद्दे पर खरगोन विधायक रवि जोशी ने मामले में सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। विधायक ने कहा कि आगाह करने के बावजूद भी खरगोन को सूखा घोषित नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से गुजारिश करने के बाद भी सूखा घोषित नहीं किया। जिस चीज का डर था वही हुआ। सरकार को सभी सूखाग्रस्त जिलों को जल्दी से जल्दी सूखा घोषित करना चाहिए। मृतक किसान पर सोसाइटी और बैंकों का कर्जा था। कर्ज माफी योजना चालू रहती तो ये किसान आज आत्महत्या नहीं करता।
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