महाराष्ट्र: शिवसैनिकों से बोले एकनाथ शिंदे, MVA के चंगुल से शिवसेना को आजाद कराने के लिए कर रहा संघर्ष

eknath sinde
ANI
अंकित सिंह । Jun 25 2022 9:52PM

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत के एक कार्यालय में तोड़फोड़ की, जो इस समय एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अन्य बागियों के साथ गुवाहाटी में हैं। इसके साथ ही कई और बागी विधायकों के खिलाफ आज शिवसैनिकों ने प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट आज पांचवें दिन भी जारी है। शिवसेना से एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद कहीं ना कहीं महा विकास अघाडी की सरकार को खतरा दिखने लगा है। इन सब के बीच गुवाहाटी में बागी विधायकों के साथ डटे एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर शिवसैनिकों से बड़ी अपील की है। शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रिय शिवसैनिकों, आप अच्छी तरह से समझें, MVA के खेल को पहचानिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को एमवीए के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि यह लड़ाई आप सभी शिवसैनिकों के लाभ के लिए है। 

इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: शिंदे गुट के विधायक ने बताया, आखिर क्यों हुई शिवसेना में बगावत

शिवसैनिकों का प्रदर्शन

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत के एक कार्यालय में तोड़फोड़ की, जो इस समय एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अन्य बागियों के साथ गुवाहाटी में हैं। इसके साथ ही कई और बागी विधायकों के खिलाफ आज शिवसैनिकों ने प्रदर्शन किया। दूसरी ओर एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शिवसेना कार्यकर्ताओं के बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने शहर स्थित विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं के कार्यालयों और उनके आवास पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के कार्यालयों और आवस पर पुलिस बल तैनात किया गया है। 

इसे भी पढ़ें: कार्यकारिणी की बैठक के बाद बोले आदित्य ठाकरे, गद्दारों को नहीं किया जाएगा माफ, ये सत्य-असत्य की लड़ाई है

हमने शिवसेना नहीं छोड़ी है

इससे पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के बागी विधायकों ने कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन संकेत दिया कि वे महाराष्ट्र विधानसभा में ‘शिवसेना (बालासाहेब)’ नाम से एक अलग समूह के रूप में काम करेंगे। समूह के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि उनके पास दो तिहाई बहुमत है और इसलिए शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता बने हुए हैं। उन्होंने दोहराया कि पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ दरार का कारण 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने तथा राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने का उनका निर्णय था। केसरकर ने कहा कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है, लेकिन अपने समूह का नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 16 या 17 लोग 55 विधायकों के समूह के नेता को नहीं बदल सकते हैं और शिवसेना का बागी गुट शिंदे को शिवसेना समूह के नेता के रूप में बदलने के महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के आदेश को अदालत में चुनौती देगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़