Yogi Adityanath की भाषा पर कटाक्ष, MK Stalin ने कहा, यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है

Yogi Adityanath
ANI
रेनू तिवारी । Mar 27 2025 11:29AM

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने परिसीमन और तीन-भाषा नीति पर राज्य के रुख पर टिप्पणी की है।

राजनीति में जुबानी जंग तो होती ही आयी है लेकिन एक मर्यादा के साथ। काफी समय से जुबानी मर्यादा को राजनेता शायद भूल गयी है। आय दिन कोई न कोई नेता विवादित बयानबाजी कर ही देता है। अब दो अलग अलग विचारधारा के नेताओं तीखी बयानबाजी के लेकर एक दूसरे पर निशाना साधा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा, यूपी के सीएम ने तीन-भाषा विवाद और परिसीमन को लेकर स्टालिन की आलोचना की, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सीएम क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।


योगी आदित्यनाथ की भाषा संबंधी टिप्पणी 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने परिसीमन और तीन-भाषा नीति पर राज्य के रुख पर टिप्पणी की है। उन्होंने टिप्पणी को "राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर" बताया। स्टालिन की यह टिप्पणी आदित्यनाथ द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए साक्षात्कार के बाद आई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि डीएमके नेता क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने के लंबे समय से चले आ रहे विरोध और संसदीय सीटों के परिसीमन की निष्पक्ष प्रक्रिया की मांग का बचाव किया। 

इसे भी पढ़ें: Donald Trump के 25% टैरिफ वाले ऐलान के बाद बाजार पर हुआ असर, Tata Motors के शेयर का हुआ ये हाल

एमके स्टालिन ने कहा कि यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है

उन्होंने कहा कि दो-भाषा नीति और परिसीमन पर राज्य की "निष्पक्ष और दृढ़ आवाज" पूरे देश में जोर पकड़ रही है, जिससे भाजपा स्पष्ट रूप से असहज हो रही है। उन्होंने लिखा, "और अब माननीय योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर व्याख्यान देना चाहते हैं? हमें छोड़ दें। यह विडंबना नहीं है, यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला दौर है।" तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी भाषा का विरोध नहीं करती है, बल्कि भाषाई थोपने और अंधराष्ट्रवाद का विरोध करती है। स्टालिन ने लिखा, "यह वोट के लिए दंगा करने की राजनीति नहीं है। यह सम्मान और न्याय की लड़ाई है।" 

इसे भी पढ़ें: Ram Charan Birthday: साउथ सिनेमा के सुपरस्टार राम चरण मना रहे 40वां जन्मदिन, ऐसा रहा फिल्मी सफर

प्रस्तावित तीन-भाषा नीति 

प्रस्तावित तीन-भाषा नीति और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर चल रहे तनाव के बाद यह वाकयुद्ध हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साक्षात्कार में कहा, "देश को एकजुट करने के बजाय, वे भाषा और क्षेत्र के आधार पर दरारें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी राजनीति राष्ट्र को कमजोर करती है।" उन्होंने परिसीमन के बारे में स्टालिन की चिंताओं को भी खारिज कर दिया और इसे "राजनीतिक एजेंडा" बताया। डीएमके ने लंबे समय से हिंदी को एक प्रमुख राष्ट्रीय भाषा के रूप में बढ़ावा देने के भाजपा के प्रयासों का विरोध किया है, उनका तर्क है कि इससे भारत की भाषाई विविधता को खतरा है। स्टालिन ने परिसीमन के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जो संभावित रूप से दक्षिणी राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को कम कर सकता है, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़