'इसे तानाशाही कहूं या फिर आपातकाल', ईदगाह जा रहे अखिलेश यादव काफिला रोकने पर भड़के

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि क्या मैं इसे तानाशाही कहूं या फिर आपातकाल कहूं। मैंने कभी ऐसी बैरिकेडिंग नहीं देखी जो लोगों को उनके त्योहार मनाने से रोकने के लिए की गई हो।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को यूपी पुलिस पर ईद के मौके पर लखनऊ में उनके काफिले को रोकने का आरोप लगाया और ऐसी बैरिकेडिंग की ज़रूरत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई के लिए कोई कारण नहीं बताया और योगी सरकार की आलोचना करते हुए इसे तानाशाही और आपातकाल की कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा, "ईद के मौके पर इतनी बैरिकेडिंग क्यों है? पुलिस ने मुझे रोका और जब मैंने उनसे पूछा कि वे मुझे क्यों रोक रहे हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।"
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सपा प्रमुख ने आगे कहा कि क्या मैं इसे तानाशाही कहूं या फिर आपातकाल कहूं। मैंने कभी ऐसी बैरिकेडिंग नहीं देखी जो लोगों को उनके त्योहार मनाने से रोकने के लिए की गई हो। भाजपा इस देश को संविधान के जरिए नहीं चला रही है। ईद और रामनवमी के लिए यूपी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संभल समेत संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है, छतों पर निगरानी की जा रही है और बाजारों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर नियमित पैदल गश्त की जा रही है।
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आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रमुख स्थानों पर बम निरोधक दस्ते की जांच, ड्रोन निगरानी और सीसीटीवी निगरानी सहित तोड़फोड़ विरोधी उपाय भी सुनिश्चित किए जा रहे हैं। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि ईद-उल-फितर की नमाज के दौरान ईदगाहों और मस्जिदों के पास जानवरों को सड़कों पर घूमने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश में सोमवार को पारंपरिक उल्लास के साथ ईद-उल-फ़ितर का पर्व मनाया गया। लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज अदा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की इमामत में नमाज़ अदा की और अमन एवं शान्ति के लिए विशेष दुआएं की।
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