Ayodhya में सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बन रहा है, समझिये कैसे योगी सरकार ने पूरी रामनगरी का कायाकल्प कर दिया है

Ayodhya
ANI

गुप्तारघाट में सरयू नदी का पाट कुछ ऐसा है कि यहां रेगुलर वॉटर एक्टिविटीज के संचालन के लिए जरूरी वॉटर लेवल को मेंटेन करना मुश्किल था। ऐसे में, तटबंध निर्माण तथा बैरेज रीस्टोरेशन से इस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है।

चार वेद, चार युग की प्रेरणा से योगी सरकार में बने चार पथों ने अवधपुरी के वृहद कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त किया है। योगी सरकार के नेतृत्व में पुरातन वैभव को आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप ढालकर अयोध्या में कायाकल्प करने का मार्ग सुनिश्चित किया जा रहा है। यहां के चार प्रमुख पथ भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ चार वेदों और चार युगों की अवधारणा पर विकसित किए गए हैं, जिन्हें म्यूरल पेंटिंग, वॉल पेंटिंग, पेबल स्टोन स्कल्चर, आधुनिक लाइटिंग, वाई-फाई कनेक्टिविटी समेत सौर ऊर्जा के उचित प्रयोग से वैश्विक प्रतिमान गढ़ने के अनुरूप बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि डबल इंजन की सरकार ने अयोध्या के विकास को तीव्र गति दी, वहीं 2017 के पहले नागरिक सुविधा के तौर पर उबड़-खाबड़ गड्ढेयुक्त अल्पविकसित सिंगल लेन सड़कें व संकरी गलियां ही अयोध्या की नियति बनकर प्रत्यक्ष तौर पर सकल विश्व की राजधानी की पराभव गाथा को बयां करती थी। वर्षों के पराभव के बाद अब अयोध्या जिस तेजी से विकास के नए प्रतिमान गढ़ रही है तथा वर्ष 2047 तक आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए सतत विकास की प्रक्रिया से गुजर रही है, निश्चित तौर पर डबल इंजन की सरकार व सीएम योगी आदित्यनाथ का कुशल नेतृत्व ही इसे संभव बना सकता है।

घंटों तक बाधित विद्युत आपूर्ति, नाली-खड़ंजों में गंदगी व साफ-सफाई में अनियमितता, सड़कों पर मंडराता आवारा पशुओं का झुंड, सड़कों के नाम पर सिंगल लेन ऊबड़-खाबड़ गड्ढायुक्त मार्ग और उन पर चलता बेतरतीब ट्रैफिक अयोध्या की पहचान बन गए थे। मगर 2017 के बाद अयोध्या ने जिस तेजी से विकास की गति पकड़ी वह डबल इंजन की सरकार और विशेषतौर पर सीएम योगी के अयोध्या के प्रति आत्मिक लगाव के कारण ही संभव हो पाया। आज यहां भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ वर्ल्ड क्लास मॉडर्न फैसिलिटीज और हेरिटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड विंटेज साज-सज्जा से संवर रही है। यहां के इन चारों प्रमुख पथों को फसाड लाइटिंग, म्यूरल पेंटिंग, विंटेज विक्टोरियन सोलर टेल लैंप, आर्टिस्टिकली डिजाइंड आर्क लैंप, प्रॉपर पेवमेंट, इनलैंड ड्रेनेज व कॉनक्रीट लेआउट कैरियज वे, ग्रीनरी इनेबल्ड डिवाइडर, अवस्थापनाओं के संरचनात्मक विकास में फाइबर ग्लास, कंक्रीट मॉडलिंग के साथ ही सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए स्मार्ट ट्रैफिक रेगुलेशन सिस्टम भी अयोध्या में इन चारों मुख्य पथों पर लागू है।  

अयोध्या के चार प्रमुख पथों के नाम, उनकी पूर्व, वर्तमान स्थिति व दोनों में फर्क

रामपथ

प्रसारः सहादतगंज से लता मंगेशकर चौक (नया घाट) को जोड़ती है।

कुल लंबाईः 12.94 किलोमीटर

लागत: 844.94 करोड़ रुपए

प्रकारः फोर लेन

2017 के पहले की स्थितिः सिंगल लेन ऊबड़-खाबड़ सड़क, बेतरतीब चलते वाहनों के कारण भीड़-भाड़ व जाम की स्थिति रोजना की नियति थी।

2017 के बाद अब की स्थिति

डबल इंजन की सरकार में तेजी से विकास हुआ। नयाघाट चौराहे का जीर्णोधार व सौंदर्यीकरण सुनिश्चित कर इसे सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को समर्पित करते हुए लता चौक के नाम पर सीएम योगी की उपस्थिति में 28 सितंबर 2022 को लोकार्पित किया गया। यहां विशाल वीणा स्थापित की गई, जो कला के साथ ही आधुनिक अयोध्या के वैभव का पहला प्रतिमान बनी। ये अयोध्या का प्रमुख सेल्फी प्वॉइंट भी है जहां खुद पीएम ने भी तस्वीरें खिंचवाई थीं। इस सड़क को सिंगल लेन के बजाए सुव्यवस्थित फोर लेन में कन्वर्ट किया गया। यहां पार्किंग के लिए भी उत्तम व्यवस्था की गई है। 

जन्मभूमि पथ

प्रसारः सुग्रीव किला (बिड़ला धर्मशाला से होते हुए रामजन्म भूमि मंदिर तक)

कुल लम्बाईः 0.580 किलोमीटर

लागत: 41.02 करोड़ रुपए 

प्रकारः दो लेन

2017 के पहले की स्थिति

यह मार्ग अतिक्रमण के कारण बेहद संकरी गली के रूप में परिवर्तित हो गया था। यहां दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण तीर्थयात्रियों को धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ना पड़ता था।

2017 के बाद अब की स्थिति

इस मार्ग को डबल लेन बनाने के लिए व्यापक अतिक्रमण हटाने व चौड़ीकरण की प्रक्रिया को अमल में लाया गया है। अब यहां सीसीटीवी के जरिए स्मार्ट सर्विलांस की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। ये हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस जोन भी है और यहां 5जी के साथ ही वाई-फाई की सुविधा भी उपब्ध कराने की तैयारी की जा रही है।

भक्ति पथ

प्रसारः श्रृंगार हाट से हनुमान गढ़ी तक

कुल लम्बाई: 0.742 किलोमीटर

लागतः 68.04 करोड़ रुपए

प्रकारः फोर लेन

2017 पहले की स्थिति

यह सिंगल लेन सड़क थी जो अतिक्रमण और अव्यवस्थित ट्रैफिक के साथ ही अपर्याप्त साफ-सफाई के अभाव में गंदगी का पर्याय बन गई थी।

2017 से बाद की अब स्थिति

इस मार्ग को अतिक्रमण मुक्त बनाकर व्यापक चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन रोड में परिवर्तित किया गया है। यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रकार के अवस्थापना सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

धर्मपथ

प्रसारः लता मंगेशकर चौक से लखनऊ गोरखपुर हाइवे तक 

कुल लम्बाईः 2 किलोमीटर

लागतः 65.40 करोड़ रुपए

प्रकारः फोर लेन

2017 के पहले की स्थिति

यह सिंगल लेन सड़क थी जहां बेतरतीब ट्रैफिक के कारण दिन के समय अक्सर जाम लगता था। यहां डीजल युक्त कमर्शियल वाहन ही चलते थे जिससे पर्यावरण में प्रदूषण भी होता था।

2017 के बाद अब की स्थिति

इस मार्ग को चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन में कन्वर्ट किया गया है। यहां भव्य द्वार का भी निर्माण किया जा रहा है। यहां अब ज्यादातर पब्लिक कम्यूटिंग व कमर्शियल व्हीकल्स सीएनजी बेस्ड हैं तथा यहां ईवी परिवहन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसे सौंदर्यीकरण के जरिए व्यापक रूप से विकसित कर भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है।

वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज ने बनाया प्रभु श्रीराम की 'अंतर्ध्यान स्थली' को अयोध्या का बड़ा पर्यटन केंद्र

एक दृश्य की कल्पना कीजिए...समस्त सृष्टि में सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली को स्थापित करने वाले निराकार ब्रह्माण्ड नायक श्रीराम के रूप में साकार होने की लीला पूर्ण करने के बाद अब वापस अपने लोक के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। पवित्र सरयू में समाहित होने से पूर्व उन्हें अपने लौकिक चक्षुओं से जी भरकर देख लेने और आखिरी बार उनके पवित्र चरणरज को शीश नवाने के लिए अवधपुरी का भाव-विह्वल विशाल जनसमुद्र नदी किनारे उतर पड़ता है। फिर, प्रभु श्रीराम कुटुंबियों समेत सरयू में लौकिक देह को अंतर्ध्यान कर दिव्य विमान में चढ़कर वैकुंठ जाने से पूर्व आखिरी बार उस विशाल जनसमुद्र को दर्शन देते हैं। अब जरा सोचिए, सत्य सनातन आस्था की उस पवित्रतम घटना के साक्षी रहे अयोध्या स्थित गुप्तारघाट का पिछले 500 वर्षों के पराभव काल के दौरान कैसा हाल रहा होगा? वह स्थान जिसे श्रीराम ने खुद वैकुंठ गमन के लिए चुना, यह दुर्भाग्य ही है कि सदियों तक उसकी कोई सुध लेने वाला तक नहीं था। मगर, योगी सरकार ने यहां विकास के ऐसे अध्याय की नींव रखी कि आज एक बार फिर गुप्तारघाट अपने उस पुरातन आध्यात्मिक व ऐतिहासिक वैभव को प्राप्त करने साथ ही मॉडर्न सिविक एमिनिटीज से लैस टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर पहचान बनाने के लिए उठ खड़ा हुआ है। अब गुप्तारघाट बदहाली नहीं, विकास का द्योतक है और उसकी इस पहचान में इजाफा किया है वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज समेत विकास की तमाम परियोजनाओं ने, जिसके कारण यह अयोध्या के सबसे चहेते सेल्फी व टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर उभरा है।  

परिवर्तन क्या होता है, गुप्तारघाट आकर देखिए

पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा के कारण वर्ष 2017 तक गुप्तारघाट केवल कुछ पुराने ऐतिहासिक मंदिरों व साधुओं की तपस्थली के साथ जीर्ण-शीर्ण तट के तौर पर ही सिमट कर रह गया था, जहां आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता था। यहां साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। जहां-तहां कूड़ा-कचरा बिखरा हुआ देखा जा सकता था। मगर पीएम मोदी के विजन को जब सीएम योगी का प्रतिबद्ध क्रियान्वयन मिला तो गुप्तारघाट रिवरबैंक रीस्टोरेशन, पक्के तटबंध निर्माण, सौंदर्यीकरण, मार्गों के चौड़ीकरण व विस्तारिकरण के साथ ही टूरिस्ट अट्रैक्शन प्वॉइंट के तौर पर परिवर्तित होने के लिए तमाम साधन-सुविधाओं से लैस होने लगा। स्थानीय लोगों की मानें तो सीएम योगी के अतिरिक्त कोई भी अन्य मुख्यमंत्री गुप्तारघाट का ऐसा कायाकल्प नहीं कर सकता था। आज राजघाट से गुप्तारघाट को जोड़ने वाला लक्ष्मण पथ अतिक्रमण नियंत्रण व विस्तारीकरण के जरिए फोर लेन सड़क के रूप में परिवर्तित हो गया है। इसके अतिरिक्त, यहां वॉटर स्पोर्ट्स समेत तमाम अट्रैक्शन टूरिस्ट्स के लिए डेवलप किए गए हैं, जिनके कारण प्राकृतिक संपदा संपन्न सरयू का यह शांत किनारा अब यहां आने वाले लोगों को आध्यात्मिक सुकून प्रदान करने के साथ ही रोमांच और प्रसन्नता के नए तरंगों से भर देता है।  

76.73 करोड़ रुपए की परियोजनाओं ने बदली दशा-दिशा

गुप्तारघाट के सौंदर्यीकरण के दो फेज पूरे हो चुके हैं जबकि तीसरा फेज पूर्ण होने के अंतिम पड़ाव में है। गुप्तारघाट फेज-3 के तहत ओपेन एयर थियेटर, अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आकर्षक पार्क, आकर्षक स्कल्पचर, प्रवेश द्वार, मेडीटेशन कम योगा सेंटर, कियोस्क, टॉयलेट ब्लाक, इंटरपटेशन सेंटर, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल पार्क, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी आदि कार्य पूरा किया जा चुका है। इन कार्यों को 16.65 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण किया जा रहा है। वहीं, गुप्तारघाट में सौंदर्यीकरण प्रक्रियाओं पर कुल मिलाकर दो फेज में अब तक 76.73 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें गुप्तार घाट से जमथरा घाट तक 39.63 करोड़ रुपये से 1.150 किमी तक तटबंध निर्माण व 37.10 करोड़ रुपये की लागत से गुप्तार घाट में विभिन्न परियोजनाओं की का विकास मुख्य है।

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जलक्रीड़ा ही नहीं और भी बहुत कुछ है यहां

गुप्तारघाट में सरयू नदी का पाट कुछ ऐसा है कि यहां रेगुलर वॉटर एक्टिविटीज के संचालन के लिए जरूरी वॉटर लेवल को मेंटेन करना मुश्किल था। ऐसे में, तटबंध निर्माण तथा बैरेज रीस्टोरेशन से इस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है। अब यहां पारंपरिक बोटिंग के साथ वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में जेटी का संचालन भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहां मोटरबोट भी संचालित होती है, जिसकी राइड लेकर लोग रोमांच से भर उठते हैं। अब जल्द ही यहां सौर ऊर्जा से संचालित नौकाओं और नियमित क्रूज के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

इन सुविधाओं के विकास के जरिए गुप्तारघाट बन रहा वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन-

ओपेन एयर थियेटरः सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उत्कृष्ट माध्यम के तौर पर कर रहा कार्य।

अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आकर्षक पार्कः ओपन एयर जिम, प्रॉपर पेवमेंट, जॉगिंग ट्रैक व विक्टोरियन स्टाइल आर्क लाइटिंग जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है।

आकर्षक स्कल्पचरः कई आकर्षण मूर्तियों व म्यूरल स्कल्पचर्स को भी यहां स्थापित किया जा रहा है।

मेडीटेशन कम योगा सेंटरः यहां आने वाले पर्यटक पवित्र सरयू के शांत वातावरण में ध्यान-योग क्रियाओं को निर्बाध रूप से पूर्ण कर सकेंगे।

कियोस्क, टॉयलेट ब्लॉकः नागरिक प्रसाधन सुविधाओं को ध्यान में रखकर यहां कियोस्क व टॉयलेट ब्लॉक्स को संचालित किया जा रहा है।

इंटरप्रिटेशन सेंटरः यह सीसीटीवी सर्विलांस डेस्क, टूरिस्ट फैसिलिटेशन डेस्क के साथ ही समन्वय स्थल के तौर पर भी कार्य करेगा।

कैफेटेरियाः यहां फूड कोर्ट में तमाम तरह के पकवानों का लोग लुत्फ उठा सकते हैं।

बच्चों के लिए खेल पार्कः इसमें तमाम तरह के आकर्षक रंगों से सजे झूलों का निर्माण किया गया है, जिसमें बच्चे खेलकूद सकें।

सीसीटीवी सर्विलांसः पूरे क्षेत्र की सीसीटीवी व स्मार्ट सर्विलांस के जरिए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

सेल्फी प्वॉइंटः यहां के कई दर्शनीय स्थलों पर आई लव अयोध्या के लाइट इनेबल्ड होर्डिंग डिस्प्ले लगाए गए हैं, जो इसे सेल्फी प्वॉइंट में परिवर्तित कर रहे हैं।

हेरिटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड सोलर लाइटिंगः सोलर व फसाड लाइटिंग समेत तमाम प्रकार की रोशनी-सज्जा इस क्षेत्र को शाम ढलते ही बेहद आकर्षक लुक देती है।

5जी एक्सेस, वाई-फाई जोनः जहां कभी मोबाइल सिग्नल नहीं आते थे, वहीं इस क्षेत्र में अब 5जी नेटवर्क सर्विस रोलओवर हो गई है। घाट पर वाई-फाई सुविधा को भी चालू किया जा सकता है।

किन्नरों ने मोदी-योगी को दुआओं से नवाजा

दिग्विजयी सम्राट राजा दशरथ की जन्म-जन्मांतर से अधूरी इच्छा रामलला की किलकारियों से कुछ इस तरह पूरी हुई कि न केवल अवधपुरी, बल्कि 14 भुवन समेत समूचा ब्रह्मांड भी मंगलगान से गुंजायमान हो उठा, जिस प्रकार वर्षों से बंजर रही भूमि को वर्षा के जल ने सींचा हो, उसी कृतज्ञता के भाव के साथ राजा दशरथ ने गुरु श्रेष्ठ, प्रजाजन, सेवक-सेविकाओं, नाऊ और दाई के लिए हर्षित मन से नाना रत्न अलंकार से शोभित भेंट देने का निश्चय किया। अब संकट सामने यह था रघुकुल की परंपरा है 'प्राण जाय पर वचन न जाए' मगर प्रभु के प्राकट्य से आह्लादित जनमानस राजा की भिक्षा नहीं, अपने इष्ट के दीदार मात्र की मंशा रखता था। संकट ये उत्पन्न हुआ कि वचन के मुताबिक निकाली गई नेग भला कौन ले, दुविधा की इस घड़ी में आज समाज का सबसे वंचित वर्ग अपने प्रिय राजा के वचनों का मान रखने सामने आता है। नेग सहर्ष स्वीकार करता है और 'जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो', 'प्रकटे हैं चारो भैया-अवध में बाजे बधइया' जैसी भेंटे नाच-गाकर उल्लासित मन से नवपल्लवित पुष्प को सकल ब्रह्मांड के 'आदित्य' होने का वरदान देता है। 500 वर्षों के पराभव काल के बाद अब प्रभु श्रीराम के त्रेतायुगीन उसी वैभव को कलियुग में एक बार फिर साकार होता देख यह समाज उल्लास से भर उठा है। अयोध्या का किन्नर समाज पुलकित हो उठे रोम-रोम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दुआएं दे रहा है। उनका कहना है कि इस गौरव को लौटाने वाले दोनों नायकों पर प्रभु श्रीराम सदा सहाय हों और दसों दिशाओं में इनका यशोगान होता रहे। 

खुद प्रभु श्रीराम ने भी किन्नरों के अप्रतिम त्याग को सिर-माथे नवाया था

ये वही किन्नर समाज है, जिसने रामलला के जन्म पर बधाई गाकर नेग स्वीकार करने के चलन को प्रचलन में लाया। ये वही समाज है कि जब वन को निर्वासित जनप्रिय युवराज राम से मिलकर उनके आदेश पर चरण पादुका को सिर पर सुशोभित करते हुए भरत नंदीग्राम के लिए अयोध्या की सकल नर-नारी रूपी जनमानस के साथ प्रस्थान कर गए थे, लेकिन वहीं तमसा नदी के किनारे 14 वर्ष समाज से दूर रहकर किन्नर वनवास की अवधि के दौरान निरंतर राम राजा के यशोगान के निमित्त साधना आराधना में लीन रहे। ये वही समाज है, जब प्रभु श्रीराम रावण के दम्भ रूपी लंका के ध्वंस के उपरांत लौटे तो श्रीराम ने उन्हें गले लगाकर उनके अप्रतिम त्याग को सिर माथे नवाया था। 

हम राम जी का दिया खाते हैं, बस उन्हीं का गुण गाते हैं

गद्दीपति व अयोध्या जिले की किन्नर समाज की अध्यक्ष पिंकी मिश्रा ने बताया कि किन्नरों ने श्रीराम को गोद में लिया, ढोलक-मजीरा बजाकर बधाई गाई, बलाइयां लीं और उस नेग को स्वीकार किया जिसे राजा दशरथ के लाख अनुरोध के बाद भी कोई नहीं स्वीकार कर रहा था। वहीं, जब वनवास से राम जी लौटकर आए तो किन्नरों ने बताया कि प्रभु हमने अयोध्या से दूर रहकर आपका इंतजार करते हुए साधना-अराधना और यशोगान किया। प्रभु श्रीराम ने उनके इस अप्रतिम समर्पण को शीश झुकाकर प्रणाम किया और आशीर्वाद दिया कि जिस भी घर में दो से तीन प्राणी होंगे, मांगलिक कार्य होगा तो आप उनको बधाइयां व आशीर्वाद देंगे तथा बदले में नेग लेंगे। तब से यह परंपरा आज के दिन तक निरंतर कायम है। अहो भाग्य, राम जी फिर पधार रहे हैं। अपार खुशी है राम जी अपने राजमहल में विराजमान हो रहे हैं तो हम किन्नर झोली फैलाकर यह मांग कर रहे हैं कि भले एक पैसा ही सही, हमें राम जी का नेग दिया जाए क्योंकि हम राम जी का ही दिया खाते हैं और उन्हीं के गुण गाते हैं। 

नाथों के 'आदित्य' ने लौटाया अयोध्या का वैभव

किन्नर लवली ने कहा कि जन्मभूमि के लिए संघर्ष करने में गोरक्षपीठ की बड़ी भूमिका रही है। महंत दिग्विजयनाथ हों या महंत अवेद्यनाथ, जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में जब भी कुछ नया घटनाक्रम हुआ, गोरक्षनाथ महत्वपूर्ण भूमिका में रहा। यहां आकर राम मंदिर के लिए चिंता और चिंतन करने वाले योगी आदित्यनाथ को जब मौका मिला तो उन्होंने पूर्वजों की उस साधना को सिद्धि में परिवर्तित करके दिखा दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ बार-बार कहते हैं कि मेरे एक ही राजा हैं-वो हैं राजा राम। राजा राम की नगरी के विकास को लेकर उन्होंने इस बात को साबित भी किया है।  

श्रीराम आ रहे हैं तो तो पूरा हो रहा विकास व विरासत के संरक्षण का मानक

नरगिस किन्नर ने कहा कि सप्तपुरियों में प्रथम अयोध्या धाम विकास और विरासत के संरक्षण की मानक नगरी बनेगी। श्रीराम के अनन्य भक्त योगी आदित्यनाथ ने इसका संकल्प लिया था। राम भगवान जी अपनी अयोध्या के मंदिर में आ रहे हैं तो वह संकल्प भी पूरा हो रहा है और किन्नर समाज में खुशी की लहर आ रही है। 

संत योगी आदित्यनाथ ने समझा मर्म और किया यहां अभूतपूर्व बदलाव

इस कालखंड में बदल चुकी अयोध्या को देख गुरु शांति किन्नर की आंखें भी भाव-विह्वल हैं। कहती हैं कि हमारे सामने ही अयोध्या कितनी बदल गई, यह कोई नेता नहीं कर पाता, क्योंकि महाराज जी संत हैं, इसलिए ही वे यहां के मर्म को समझ पाए और यहां अभूतपूर्व बदलाव किया। वे भी अपने राम को महलों में आता देख शब्दों से खुशी बयां नहीं कर पा रही हैं, बल्कि उनकी आंखें ही सब कुछ कही जा रही हैं। हां, इतना उन्होंने जरूर कहा कि उन्हें भी ट्रस्ट के निमंत्रण का इंतजार है।

योगी सरकार का संकल्प: अयोध्या में यातायात हो सुगम, सुरक्षित हो सफर

रामनगरी अयोध्या को संवारने में प्रदेश की योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। अध्यात्म से लेकर पौराणिकता और शिक्षा-चिकित्सा से लेकर यातायात तक हर जगह सरकार की नजर है। यहां के लोगों का सफर सुरक्षित व यातायात सुगम हो, इसके लिए आईटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) प्रॉजेक्ट भी शुरू किया गया। 2017 के बाद से अयोध्या के यातायात पर भी पूरा ध्यान दिया जाने लगा। सरकार ने इस योजना को शुरू कराया था, जो अब तकरीबन पूरा हो चुका है। 20 चौराहों पर यह सिस्टम काम कर रहा है, वहीं दो अन्य चौराहों पर भी जल्द ही यातायात पर आईटीएमएस की नजर रहेगी। इस प्रॉजेक्ट की लागत लगभग 47.74 करोड़ रुपये है। अक्टूबर 2021 में इस कार्य को प्रारंभ किया गया था। 17 जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसके प्रथम चरण का लोकार्पण किया जा चुका है। यह कार्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराया गया है।  

न्यू बस अड्डा व एयरपोर्ट पर काम शुरू करने की योजना

अयोध्या के 20 स्थानों पर आईटीएमएस प्रॉजेक्ट शुरू हो गया है, जबकि न्यू बस अड्डा अयोध्या व एयरपोर्ट रोड (निर्माणाधीन) पर भी यह काम शुरू करने की योजना है, जिन जगहों से यातायात पर निगाहें रहेंगी, वे रिकाबगंज, सिविल लाइन, हनुमान गुफा, श्री राम अस्पताल, नया घाट, साकेत पेट्रोल पंप, देवकाली बाईपास, सुल्तानपुर बाईपास, रायबरेली बाईपास, सहादतगंज बाईपास, गुरु गोविंद सिंह चौराहा, पुलिस लाइन, टेढ़ी बाजार, उदया चौराहा, देवकाली तिराहा, गुदरी बाजार, पोस्ट ऑफिस चौराहा, नाका तिराहा, गुरु गोविंद सिंह, सहादतगंज हनुमानगढ़ी चौराहा, डीएम चौराहा हैं। यहां कार्य पूर्ण कर ट्रैफिक सिग्नल शुरू किए गए हैं। टेक्नोसिस सिक्योरिटी सिस्टम प्रा. लिमिटेड की तरफ से इस पर काम हुआ। वहीं अमानीगंज जलकल परिषद में बने अस्थायी कंट्रोल कमांड सेंटर से नजर रखी जा रही है। मंगल पांडेय चौराहे पर सर्वे कार्य किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि सिग्नल के साथ कैमरे भी लगाए गए हैं। यातायात को सुगम रखने के लिए यहां एनाउंसमेंट की भी व्यवस्था की गई है। इसके जरिए समय-समय पर लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। 

   

14 स्थानों पर लगाए गए पब्लिक एड्रेस सिस्टम

योगी सरकार ने अयोध्या के 14 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए हैं। इसके जरिए यात्रियों को समय-समय पर ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है। सिग्नल के उल्लंघन पर मॉनिटरिंग रूम से चेतावनी भी दी जाती है। यही नहीं 20 स्थानों पर इमरजेन्सी कॉल बॉक्स लगाए गए हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में यह बॉक्स कंट्रोल रूम को सूचना भेज देगा। आपात स्थिति में इससे काफी मदद मिलेगी।

अध्यात्म की अयोध्या ने आर्थिक क्षेत्र में लिखा सफलता का नया अध्याय

अध्यात्म से समृद्ध राम नगरी अब आर्थिक क्षेत्र में भी सफलता का नया अध्याय लिख रही है। योगी सरकार के कुशल नेतृत्व में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके साथ ही आर्थिक रूप से अयोध्या भी विकास की नई सीढ़ी चढ़ी। 2021-22 में अयोध्या से विभिन्न क्षेत्रों में 110 करोड़ का निर्यात हुआ, जो 2022-23 में बढ़कर 254 करोड़ हो गया। कुल मिलाकर 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 

अयोध्या के सर्वांगीण विकास का काल बना वर्तमान समय

आयुक्त गौरव दयाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह काल अयोध्या के सर्वांगीण विकास का है। केंद्र व प्रदेश की योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या की आर्थिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रगति हो रही है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओऱ से जारी आंकड़े के आधार पर अयोध्या से विभिन्न क्षेत्रों में वर्ष 2021-22 में 110 करोड़ का निर्यात हुआ जो कि 2022-23 में बढ़कर 254 करोड़ हो गया है। कुल मिलाकर 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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