दिल्ली पुलिस ने ब्रिटेन के जाली वीजा से संबंधित मामले में पंजाब के ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया

Delhi Police
प्रतिरूप फोटो
ANI

आरोपी ने खुलासा किया कि वह ‘मल्टीमीडिया प्रोग्रामिंग’ में डिप्लोमा की पढ़ाई कर चुका है, लेकिन वित्तीय समस्याओं का सामना करने के बाद वह फर्जी वीजा के काम में लग गया।

दिल्ली पुलिस ने 2022 में एक यात्री के लिए फर्जी ब्रिटिश वीजा की व्यवस्था करने के मामले में पंजाब के 35 वर्षीय एक ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान पंजाब के कोटकपुरा निवासी अमित भारद्वाज उर्फ ​​गवी के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि भारद्वाज ने यात्री को 12 लाख रुपये में अपने सहयोगियों की मदद से संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते ब्रिटेन भेजने का प्रबंध करने का आश्वासन दिया था।

हालांकि, यह योजना उस समय विफल हो गई जब हरियाणा के यात्री अनिल (25) को संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह के लिए आव्रजन मंजूरी के दौरान दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक लिया गया।

जांच करने पर, अनिल के पासपोर्ट पर लगा वीजा फर्जी पाया गया, जिसके बाद अधिकारियों ने 1 मार्च, 2022 को भारतीय दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान अनिल ने खुलासा किया कि उन्होंने ब्रिटेन के वीजा और नौकरी के लिए भारद्वाज तथा उसके सहयोगियों को 12 लाख रुपये का भुगतान किया था।

पुलिस के अनुसार, भारद्वाज और दो अन्य एजेंट करणजीत सिंह तथा गुरमीत सिंह ने फर्जी वीजा का इंतजाम किया था। इस मामले में करणजीत और गुरमीत को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

दोनों की गिरफ्तारी के बाद भारद्वाज का नाम मुख्य बिचौलिए के रूप में सामने आया। गिरफ्तारी के कई प्रयासों के बावजूद, वह बचता रहा, जिसके कारण उसके खिलाफ़ गैर-जमानती वारंट के तहत कार्रवाई की गई।

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने संभावित ठिकानों पर छापेमारी की और पंजाब से भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ के दौरान भारद्वाज ने मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली।

आरोपी ने खुलासा किया कि वह ‘मल्टीमीडिया प्रोग्रामिंग’ में डिप्लोमा की पढ़ाई कर चुका है, लेकिन वित्तीय समस्याओं का सामना करने के बाद वह फर्जी वीजा के काम में लग गया। पुलिस ने दावा किया उसने दो लाख रुपये कमीशन के रूप में प्राप्त करने की बात स्वीकार की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़