'दिल्ली एक बार फिर शिक्षा माफिया के चंगुल में फंस गई है', न‍िजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर भड़के केजरीवाल

Kejriwal
ANI
अंकित सिंह । Apr 12 2025 3:16PM

आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों को दिल्ली में हो रहे हालात का कोई अंदाजा नहीं है।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में कई निजी स्कूलों में कथित फीस वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से भाजपा सरकार के तहत माफियाओं के चंगुल में फंस गई है। हाल ही में फीस वृद्धि को लेकर स्कूलों में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "दिल्ली के लोग फिर से पूरी तरह शिक्षा माफिया की जकड़ में है। शिक्षा माफिया की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि हमारे बच्चों के साथ बदसलूकी करें? क्योंकि नेता और मंत्री इनकी जेब में हैं, जैसे हमारी सरकार के पहले होते थे।"

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इस बीच, आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों को दिल्ली में हो रहे हालात का कोई अंदाजा नहीं है। उन्होंने कहा, "अभिभावक निजी स्कूलों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और भाजपा के मंत्री 'सरकारी स्कूल-सरकारी स्कूल' का खेल खेलने में व्यस्त हैं। उन्हें समस्या वाली जगह जाकर उसका समाधान करना चाहिए। लेकिन वे निजी स्कूल मालिकों से डरे हुए हैं।" सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि भाजपा सरकार जनता के गुस्से के प्रति असंवेदनशील है।

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इससे पहले दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को कहा कि मनमाने ढंग से शुल्क (फीस) बढ़ाने वाले निजी विद्यालयों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। सूद ने पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर अपने कार्यकाल के दौरान कुछ विद्यालयों द्वारा फीस बढ़ाने के मामले पर आंखें मूंदकर बैठे रहने का आरोप लगाया। मंत्री ने कहा कि ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार की गई है और प्रत्येक का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।सूद ने संवाददाताओं से कहा, “दिल्ली के 1,677 निजी विद्यालयों में से 335 सरकारी जमीन पर संचालित हैं और वे दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के तहत आते हैं। इसलिए फीस बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है, केवल 114 स्कूल इस शर्त से मुक्त हैं।”

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