Delhi Pollution: सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने शुरू की तैयारी

Delhi Pollution
ANI
अंकित सिंह । Sep 13 2023 2:47PM

बैठक का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझावों से शीतकालीन कार्ययोजना को और अधिक प्रभावी बनाना था। महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट के लिए एक अलग शीतकालीन कार्य योजना प्रदूषण के विभिन्न कारणों से व्यापक रूप से निपटने में मदद करेगी।

दिल्ली सरकार ने सर्दियों के दौरान शहर में प्रदूषण से लड़ने की कार्य योजना की तैयारियों के तहत 'पर्यावरण विशेषज्ञ बैठक' का आयोजन किया। दिल्ली सचिवालय में 24 संगठनों के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक विशेषज्ञों की बैठक हुई। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विभिन्न संगठनों के चौबीस पर्यावरण विशेषज्ञों ने प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में 13 महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट के लिए एक शीतकालीन कार्य योजना का प्रस्ताव दिया है। इसके अतिरिक्त, आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने गंभीर दिनों के दौरान कृत्रिम बारिश की एक विधि प्रस्तुत की। हम शीतकालीन कार्य योजना पर चर्चा के लिए 14 सितंबर को एक सर्व-विभागीय बैठक की मेजबानी करेंगे। 

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बैठक का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझावों से शीतकालीन कार्ययोजना को और अधिक प्रभावी बनाना था। महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट के लिए एक अलग शीतकालीन कार्य योजना प्रदूषण के विभिन्न कारणों से व्यापक रूप से निपटने में मदद करेगी। गोपाल राय ने कहा, यह बहुत संतोषजनक है कि सर्दियों के दौरान गंभीर दिनों की संख्या 33 से घटाकर 6 कर दी गई है, लेकिन इसमें और कमी आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत प्रेजेंटेशन तैयार करने के निर्देश कानपुर आईआईटी को दिए गए हैं, जिसे सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने पेश किया जाएगा।

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गोपाल राय ने आगे कहा कि 14 सितंबर को सभी 28 विभागों के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। शीतकालीन कार्य योजना में उल्लिखित प्रमुख बिंदुओं के आधार पर, बैठक के दौरान विभिन्न विभागों को विशिष्ट जिम्मेदारियां दी जाएंगी। रियल टाइम अपॉर्शनमेंट स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बायोमास जलाना दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है। पराली जलाने की घटना 15 दिनों के भीतर होती है और दिल्ली सरकार इस मामले पर पड़ोसी राज्यों के साथ काम कर रही है। गोपाल राय ने पहले दावा किया था कि पिछले नौ वर्षों में दिल्ली में पीएम10 और पीएम2.5 के स्तर में औसतन 45 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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