दिल्ली में 52.3 डिग्री सेल्सियस तापमान पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान

Delhi High Court
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दिल्ली में हाल ही में तापमान बढ़कर 52.3 डिग्री सेल्सियस हो जाने पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि वनों की कटाई के प्रति वर्तमान पीढ़ी रुख उदासीन बना रहा, तो राष्ट्रीय राजधानी एक बंजर रेगिस्तान बन जाएगी।

नयी दिल्ली। दिल्ली में हाल ही में तापमान बढ़कर 52.3 डिग्री सेल्सियस हो जाने पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि वनों की कटाई के प्रति वर्तमान पीढ़ी रुख उदासीन बना रहा, तो राष्ट्रीय राजधानी एक बंजर रेगिस्तान बन जाएगी। दिल्ली के मुंगेशपुर क्षेत्र में बुधवार को अधिकतम तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शहर में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। 

न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा, “इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान लिया गया है कि हाल ही में 30 मई को दिल्ली में आधिकारिक तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अगर वर्तमान पीढ़ी वनों की कटाई के प्रति उदासीन दृष्टिकोण अपनाती रही, तो वह दिन दूर नहीं, जब यह शहर केवल एक बंजर रेगिस्तान बनकर रह जाएगा।” उच्च न्यायालय ने इससे पहले अपने पूर्व न्यायाधीश नजमी वजीरी को दिल्ली में वनों के संरक्षण से संबंधित शहर के अधिकारियों की एक आंतरिक विभागीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था। उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वजीरी बुनियादी ढांचे की कमी के कारण अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं। 

अदालत ने कहा, “यह अदालत ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकती, जहां अध्यक्ष (न्यायमूर्ति वजीरी) कार्यालय स्थान या लिपिकीय और सहायक कर्मचारियों या यहां तक ​​कि परिवहन साधनों की कमी के कारण जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में असमर्थ हों।” उन्होंने कहा, “हालांकि, विभाग (वन एवं वन्यजीव) को अलग-अलग क्षमता में कर्मचारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने के बजाय, विभाग को मामले को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ाने का निर्देश देना उचित समझा गया है कि किसी भी स्थिति में मंजूरी में 15 जून से अधिक देरी नहीं की जाए।” 

अधिवक्ता आर. अरुणाद्रि अय्यर के माध्यम से दायर समिति के अध्यक्ष की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार को बुनियादी ढांचे, लिपिकीय कर्मियों, सहायक कर्मियों और परिवहन की आवश्यकता के बारे में सूचित किया गया था, जो अध्यक्ष के अपनी जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए आवश्यक होगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन दिए जाने के बाद, बुनियादी ढांचे का विकास अगले 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। अदालत ने निर्देश दिया, “सुनवाई की अगली तारीख 29 जुलाई पहले ही तय हो चुकी है, इसलिए उम्मीद है कि अध्यक्ष और समिति की जरूरत की सभी चीजें और आवश्यकताएं उससे पहले ही पूरी तरह से काम करने की स्थिति में होंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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