'अपनी जुबान पर काबू रखें...' धर्मेंद्र प्रधान पर भड़के सीएम स्टालिन, बताया अहंकारी

एमके स्टालिन ने एक्स पर तमिल में कड़े शब्दों में लिखे एक पोस्ट में धर्मेंद्र प्रधान के अहंकार की निंदा की और कहा कि वह एक घमंडी राजा की तरह बोल रहे हैं और जिसने तमिलनाडु के लोगों का अनादर किया है, उन्हें अनुशासित किए जाने की आवश्यकता है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर पलटवार किया है। धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान राज्य सरकार को पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम एसएचआरआई) योजना को लागू करने के मुद्दे पर “बेईमान” और छात्रों का भविष्य “बर्बाद” करने वाला करार दिया था। एमके स्टालिन ने एक्स पर तमिल में कड़े शब्दों में लिखे एक पोस्ट में धर्मेंद्र प्रधान के अहंकार की निंदा की और कहा कि वह एक घमंडी राजा की तरह बोल रहे हैं और जिसने तमिलनाडु के लोगों का अनादर किया है, उन्हें “अनुशासित” किए जाने की आवश्यकता है।
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एमके स्टालिन ने एक्स पर लिखा, "केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो खुद को राजा समझते हैं, अहंकार से बोलते हैं, उन्हें अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए।" धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी पर डीएमके सदस्यों के विरोध के बाद सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। पीएम श्री योजना पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधान ने कहा कि डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजना के कार्यान्वयन पर अपना रुख बदल दिया है, जिसमें केंद्र, राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों को मजबूत बनाने की परिकल्पना की गई थी।
पूरक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘एक समय था जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ (एनईपी पर) एमओयू पर हस्ताक्षर करने को तैयार थी। तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के साथ कुछ सदस्य हमारे पास आए थे और उन्होंने सहमति व्यक्त की थी।’’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्य भी पीएमश्री योजना को स्वीकार कर रहे हैं। प्रधान ने कहा, ‘‘हम तमिलनाडु को वित्तीय आवंटन कर रहे हैं, लेकिन वे प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे (द्रमुक) तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। वे जानबूझकर राजनीति कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वे छात्रों के साथ अन्याय कर रहे हैं और अलोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।’’
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उन्होंने द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार सबके लिए काम कर रही है। प्रधान ने कहा, ‘‘मेरी जानकारी है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एनईपी को स्वीकार करना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें रोक रहे हैं जो भविष्य में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री (स्टालिन) छात्रों के प्रति ईमानदार नहीं हैं।’’ पीएमश्री योजना के तहत एनईपी 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप देश में आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाने हैं। मंत्री के जवाब के बीच ही द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों के हंगामे के बीच कुछ मिनट तक प्रश्नकाल संचालित किया।
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