किसानों में फैलाया जा रहा भ्रम, रविशंकर प्रसाद बोले- हम वही कर रहे, जो UPA सरकार करना चाहती थी
राजनीतिक दलों को अपने प्रदर्शन से नहीं जुड़ने देने के लिये कृषक संघों की सराहना करते हुए प्रसाद ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिये भाजपा के विरोधी उनके प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है।
राजनीतिक दलों को अपने प्रदर्शन से नहीं जुड़ने देने के लिये कृषक संघों की सराहना करते हुए प्रसाद ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिये भाजपा के विरोधी उनके प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है। उन्होंने 2019 के आम चुनावों के लिये कांग्रेस का घोषणा-पत्र पढ़ते हुए कहा कि उसने एपीएमसी अधिनियम को “रद्द” करने का वादा किया था। प्रसाद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों से कहा था कि वो ऐसे उपाय करें जिससे किसान अपनी उपज सीधे बेच पाएं।Opposition parties are opposing the Narendra Modi govt for the sake of opposition, forgetting their own work in the past. In its 2019 poll manifesto, Congress promised to repeal APMC Act & make trade of agriculture produce including export free from all restrictions: RS Prasad https://t.co/sFOz7rUpXi
— ANI (@ANI) December 7, 2020
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प्रसाद ने कहा कि संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहे राकांपा नेता शरद पवार ने राज्यों से एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के लिये कहा था और उन्हें चेतावनी भी दी थी कि केंद्र तीन सुधारों के अभाव में आर्थिक सहायता भी उपलब्ध नहीं कराएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जब यह प्रावधान लागू किये तो अब ये सभी दल उसका विरोध कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि यह उनके “शर्मनाक दोहरे मापदंड” को उजागर करता है। केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर बीते 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे कृषक संघों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का रविवार को कई क्षेत्रीय दलों समेत विपक्षी दलों ने समर्थन करने का ऐलान किया है।
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