प्रवासी श्रमिकों को CM योगी का बड़ा उपहार, घर लौटे मजदूरों को सस्ती दरों पर दुकानें और घर देगी UP सरकार
देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए योगी सरकार ने 1 हजार 321 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी दी और बसें भी मजदूरों की वापसी के लिए लगाई गई है। लाकडाउन के बाद करीब 23 लाख मजदूरों की यूपी में वापसी हुई है। सीएम ने वापसी के साथ ही इनकी स्किल मैपिंग करवाने के निर्देश किए थे।
प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा देखकर कठोर से कठोर दिल पसीज जाता है। यूपी के लाखों कामगारों ने मुंबई और सूरत जैसे शहरों की तकदीर संवारी। लेकिन जब लाॅकडाउन हुआ तो उन्हें वहां से लाचारी में निकलना पड़ा। बीते दिनों यूपी की योगी सरकार ने दो टूक कह भी दिया कि अब किसी को अगर प्रदेश के मजदूरों का हाथ और साथ चाहिए तो उन्हें राज्य सरकार की इजाजत लेनी होगी। यूपी सरकार ने इसके लिए श्रमिक आयोग बनाने का ऐलान भी कर दिया है।
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देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए योगी सरकार ने 1 हजार 321 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी दी और बसें भी मजदूरों की वापसी के लिए लगाई गई है। लाकडाउन के बाद करीब 23 लाख मजदूरों की यूपी में वापसी हुई है।
सीएम ने वापसी के साथ ही इनकी स्किल मैपिंग करवाने के निर्देश किए थे, ताकि दक्षता के अनुसार उनके स्थायी रोजगार की व्यवस्था की जा सके। यूपी सरकार स्किल ट्रेनिंग देने के बाद इन मजदूरों को रेडिमेड गारमेंट्स, खाद्य प्रसंस्कण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले उत्पादों से जुड़े उद्योगों में रोजगार देने का प्लान बना रही है।
सस्ती दरों पर दुकानें और घर मुहैया कराने की योजना
योगी सरकार ने घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ती दरों पर दुकानें और घर मुहैया कराने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अर्थव्यवस्था में श्रमिकों/कामगारों व शहरी निर्धन लोगों की अहम भूमिका है। अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम से झुग्गी बस्तियों व अनियोजित अवैध कालोनियों की समस्या का भी समाधान होगा। हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के लिए जमीन चिह्नित की जाए और निर्माण के समय जरूरी व्यवस्थाएं व बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कर लें। भवनों को भी चिह्नित किया जा सकता है जिनका ग्राउंड फ्लोर छोड़कर पहले, दूसरे या अन्य तलों पर रेंटल कॉम्प्लेक्स बनाए जा सकते हैं। स्थानीय जरूरतों के हिसाब से फैसले लें।
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