चित्रकूट पुलिस ने 15 पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों को पंचायत भवन में ठहराया, जांच जारी
एएसपी ने बताया कि दोनों हिन्दू परिवार पाकिस्तान के कराची स्थित खैरपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी नागरिक राकेश कुमार और संतोष कुमार ने बताया कि बेरोजगारी और महंगाई के चलते वे अलग-अलग माहों (तिथियों) में वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आए हैं।वे कुछ दिनों तक दिल्ली स्थित भाटी माइंस में रिश्तेदारों के यहां रुके थे। अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों के कागजातों की गहनता से जांच की जा रही है। इनको यहां लाने वाले कमलेश पटेल का भी रिकॉर्ड खंगाला गया है।
पाकिस्तान से आये दो हिन्दू परिवारों के 15 सदस्यों को पुलिस ने शनिवार को संग्रामपुर गांव के पंचायत भवन में ठहरा दिया है तथा यहां आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत के दोनों दरवाजों पर 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। चित्रकूट जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने शनिवार को बताया कि चार अगस्त को ट्रेन के जरिये दिल्ली से पाकिस्तान के दो हिन्दू परिवारों के 15 सदस्य कुछ स्थानीय अखाड़ों की मदद से काम और रहने के स्थान की तलाश में यहां पहुंचे हैं, जिन्हें जांच-पड़ताल के बाद संग्रामपुर गांव में बने पंचायत भवन में ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत भवन के दोनों दरवाजों में 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि एक परिवार वीजा बनवाकर पिछले साल अक्टूबर माह और दूसरा परिवार इसी साल मई माह में भारत आया।
इनमें एक परिवार की वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है, जबकि दूसरे की समाप्त होने वाली है। एसपी ने बताया कि अब तक की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे काम और रहने के स्थान की तलाश में भारत आये हैं और लंबे समय का लांग टाइम वीजा चाहते हैं। शुक्ला के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों के पास वीजा अवधि बढ़ाये जाने के कोई प्रमाणिक दस्तावेज नहीं मिले। आगे के मार्गदर्शन के लिए केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। उन्होंने बताया कि मार्गदर्शन मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पंचायत भवन में ठहराए गए पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों के खाने-पीने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को सौंपी गई है। शनिवार को सैकड़ों लोग इन पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों को देखने के लिए पंचायत भवन के पास पहुंचे थे, हालांकि सभी को पुलिसकर्मियों ने रोक दिया।
एएसपी त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के सभी कागजातों एवं बयानों को वीडियो एवं हस्तलिखित बयान जांच के लिए लखनऊ और दिल्ली के उच्चाधिकारियों के कार्यालयों में भेजा गया है, फिलहाल अभी तक शासन स्तर से कोई रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने कहा, शासन की रिपोर्ट या मार्गदर्शन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। तब तक यह परिवार पुलिस की निगरानी में रहेगा। एएसपी के अनुसार, पाकिस्तानी हिन्दू परिवार के सदस्यों का कहना है कि पाकिस्तान में रोजगार का संकट और महंगाई के कारण वीजा लेकर भारत आए हैं। पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवार भारत में बसना चाहते हैं, उन्होंने अपने वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है। वहीं, इन हिंदू परिवार के सदस्यों को चित्रकूट लाने वाले संग्रामपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश कुमार पटेल को पुलिस ने दस घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। एएसपी ने बताया कि दोनों हिन्दू परिवार पाकिस्तान के कराची स्थित खैरपुर गांव के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी नागरिक राकेश कुमार और संतोष कुमार ने बताया कि बेरोजगारी और महंगाई के चलते वे अलग-अलग माहों (तिथियों) में वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत आए हैं।वे कुछ दिनों तक दिल्ली स्थित भाटी माइंस में रिश्तेदारों के यहां रुके थे। अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों के कागजातों की गहनता से जांच की जा रही है। इनको यहां लाने वाले कमलेश पटेल का भी रिकॉर्ड खंगाला गया है।
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