क्या है ड्रैगन की मंशा ? हिंदी जानने वालों को सेना में क्यों करना चाहता है भर्ती, जवाबी कार्रवाई के लिए भारत तैयार !
पश्चिमी थिएटर कमांड के तहत आने वाली शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भी लद्दाख की सीमा से लगे क्षेत्रों की देखरेख करती है। खुफिया जानकारी से पता चला है कि तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कर्मियों ने पिछले दो महीनों में पीएलए में हिंदी अनुवादकों के लिए चीन के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का दौरा किया है।
बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है और इसे समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। इसी बीच खबर सामने आई है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हिंदी भाषा को जानने वालों की भर्ती करने वाली है। माना जा रहा है कि चीन ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि भारत के संबंध में अधिक से अधिक इंटेलिजेंस जुटा सके और एलएसी के आसपास के इलाकों के बारे में जानकारी एकत्रित कर सके।
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अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'सीएनन-न्यूज18' की रिपोर्ट के मुताबिक, वेस्टर्न थिएटर कमांड के तहत तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट इस साल जून तक भर्ती अभियान की शुरुआत हो जाएगी। पीएलए की वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत के साथ चीन की सीमाओं की देखरेख करती है। तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट एलएसी के निचले हिस्से पर सुरक्षा का काम देखती है, जो पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा उत्तराखंड की सीमा से लगती है।
हिंदी बोलने वाले तिब्बतियों की हुई भर्ती
इसके अतिरिक्त पश्चिमी थिएटर कमांड के तहत आने वाली शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भी लद्दाख की सीमा से लगे क्षेत्रों की देखरेख करती है। खुफिया जानकारी से पता चला है कि तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कर्मियों ने पिछले दो महीनों में पीएलए में हिंदी अनुवादकों के लिए चीन के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का दौरा किया है। इसके अलावा पिछले कई महीनों में खुफिया जानकारी मिली थी कि पीएलए सक्रिय रूप से तिब्बतियों की भर्ती कर रहा है, जो हिंदी बोल सकते हैं।
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मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रहा भारत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहा है। भारतीय सेना ने अपने जवानों के लिए तिब्बतोलॉजी का कोर्स शुरू किया है। इसी महीने की शुरुआत में भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने तिब्बती कोर्स के पहले बैच को लेकर ट्वीट किया था। जिसके कैप्शन में लिखा था कि भाषा संस्कृति का रोड मैप है... तिब्बतोलॉजी कोर्स का एक बैच गंगटोक में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
“Language is the road map to culture.."
— Trishakticorps_IA (@trishakticorps) May 2, 2022
#TrishaktiCorps #EasternCommand successfully conducted #Tibetology Cadre at #Gangtok for another batch of #IndianArmy officers.@adgpi@easterncomd pic.twitter.com/6kj4PUGwRh
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