अन्नदाता से दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगे केंद्र सरकार: अशोक गहलोत

 Ashok Gehlot

मुख्यमंत्री के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान सगंठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि विधेयक बनाये, और इन विधेयकों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया जबकि विपक्ष इन्हें प्रवर समिति को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।

जयपुर। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को इन कानूनों को तत्काल वापस लेकर अन्नदाता के साथ दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए। गहलोत ने ट्वीट किया, केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये गये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये। मुख्यमंत्री के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान सगंठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि विधेयक बनाये, और इन विधेयकों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया जबकि विपक्ष इन्हें प्रवर समिति को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने इन विधेयकों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। विधेयकों का विरोध कर रहे मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिला। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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