धर्मशाला के पूर्व मेयर और ईओ के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज

Nagar Nigam

जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने यह कार्रवाई 2018 में 11 पार्षदों की आई शिकायत पर की गई पड़ताल के बाद सरकार से अनुमति मिलने के बाद की है। पूर्व मेयर के साथ ही इस मामले में धर्मशाला नगर परिषद के समय में ईओ रहे महेश शर्मा के खिलाफ भी धारा 420 का मामला दर्ज किया है।

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक नगर धर्मशाला को संवारने का जिम्मा संभालने वाली नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले में नगर निगम के पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी जो कि इस समय नगर निगम के पार्षद हैं , के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही नगर निगम के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी महेश शर्मा के खिलाफ भी धारा 420 का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही दोनों पर गिरफतारी की तलवार लअक गई है। 

 

 

जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने यह कार्रवाई 2018 में 11 पार्षदों की आई शिकायत पर की गई पड़ताल के बाद सरकार से अनुमति मिलने के बाद की है। पूर्व मेयर के साथ ही इस मामले में धर्मशाला नगर परिषद के समय में ईओ रहे महेश शर्मा के खिलाफ भी धारा 420 का मामला दर्ज किया है। मामला नगर निगम कार्यालय के साथ लगते भवन को गलत तरीके से लीज पर लेने और इसे आगे किराये पर देने से संबंधित है।

 

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जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में 11 पार्षदों ने देवेंद्र जग्गी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत विजिलेंस में की थी। शिकायत में कहा गया था कि नगर निगम धर्मशाला के मुख्य कार्यालय के साथ एक भवन को 25 सालों के लिए 30 लाख रुपये लीज राशि व प्रतिमाह 30 हजार रुपये के किराये पर लिया गया।

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शिकायत मिलने के बाद जांच के दौरान विजिलेंस ने पाया कि इस भवन को नगर परिषद के कर्मचारियों के लिए रेस्ट हाउस के लिए निर्मित किया जा रहा था। वर्ष 2005 में जग्गी ने बिना सिक्योरिटी राशि और मासिक किराये को दर्शाए उन्होंने जनरल हाउस को विश्वास में लिए बिना ही इस भवन को लीज पर लिया था। इतना ही नहीं, जांच में पाया गया कि तत्कालीन ईओ ने भी नियमों को दरकिनार कर भवन को लीज पर दे दिया।

जांच में यह भी पाया गया कि इस भवन में कुछ बदलाव कर इसे आगे किराये पर दे दिया गया। इसमें बैंक व इंश्योरेंश कंपनी को भी बिल्डिंग किराये पर दी तथा वर्ष 2006 से 2019 तक 1,60,94,620 रुपये किराया वसूला गया। जबकि इस दौरान एमसी को 18,38,869 रुपये ही किराये के रूप में दिए गए। जांच के बाद रिपोर्ट विजिलेंस हेडक्वार्टर भेजी गई, जहां से ईओ व पूर्व मेयर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मंजूरी मिली है।

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एएसपी, विजिलेंस ब्यूरो धर्मशाला के बलबीर सिंह जसवाल ने कहा कि वर्ष 2018 में 11 पार्षदों ने देवेंद्र जग्गी के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचकर भवन को हासिल करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस पर विजिलेंस ब्यूरो ने कार्रवाई कर रिपोर्ट सरकार को भेजी थी तथा जग्गी पर मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। अब सरकार से अनुमति मिलने के बाद पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी पर विजिलेंस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, पूर्व मेयर एवं वर्तमान पार्षद देवेंद्र जग्गी ने कहा कि उनके खिलाफ यह सारा मामला राजनीति से प्रेरित है। जिस भवन से संबंधित धोखाधड़ी को लेकर यह मामला दर्ज किया गया है, उस भवन से संबंधित सभी दस्तावेज उनके पास हैं।

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