अब सोसायटी में रहने वालों पर टैक्स की मार, चाहे किराए का हो या खुद का बढ़ेगा खर्च

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रितिका कमठान । Apr 18 2025 4:40PM

एक सर्कुलर जारी हुआ है, जिसमें ये कहा गया है कि हाउसिंग सोसायटी की ओर से हर महीने लिए जाने वाले मेंटेनेंस टैक्स के साथ अब लोगों को जीएसटी का भुगतान करना होगा। हाउसिंग सोसायटी, हाईराइज सोसाइटी व बड़े शहरों के नगर निगम के तहत सोसायटी के घरों के लिए ये सर्कुलर लागू होगा।

दिल्ली से लेकर नोएडा या देश के बड़े शहरों की सोसायटियों में रहने वाले लोगों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। इन सोसायटी में रहने वालों को हर महीने किराया या फिर टैक्स का भुगतान करना होता है। केंद्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। 

एक सर्कुलर जारी हुआ है, जिसमें ये कहा गया है कि हाउसिंग सोसायटी की ओर से हर महीने लिए जाने वाले मेंटेनेंस टैक्स के साथ अब लोगों को जीएसटी का भुगतान करना होगा। हाउसिंग सोसायटी, हाईराइज सोसाइटी व बड़े शहरों के नगर निगम के तहत सोसायटी के घरों के लिए ये सर्कुलर लागू होगा।

बोर्ड ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर बताया कि जिन हाउसिंग सोसायटी की ओर से हर महीने 7,500 रुपये से ज्‍यादा मेंटेनेंस वसूला जाता है। अब इस राशि के साथ 18 फीसदी जीएसटी भी देना होगा। यानी हर फ्लैट से अब नौ हजार रुपये की राशि मेंटेनेंस के तौर पर वसूली जाएगी। 

इन शर्तों पर लगेगा जीएसटी

बोर्ड के सर्कुलर की मानें तो मेंटेनेंस पर जीएसटी को 2019 से लागू किया जा चुका है। कई सोसायटी में इसे लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है। ऐसे में ये नया सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि उन सभी को जीएसटी का भुगतान करना होगा जिनका मेंटेनेंस 7500 से अधिक है। इसके साथ ही सोसायटी का सालाना टर्नओवर भी 20 लाख से अधिक होना चाहिए। अगर इनमें से कोई एक शर्त भी पूरी नहीं होती है तो सोसायटी पर जीएसटी लागू नहीं होगा।

मेंटेनेंस में है ये शामिल

सोसायटी की मेंटेनेंस में मरम्मत, रखरखाव फीस शामिल है। इसमें कार पार्किंग भी शामिल की गई है। एनओसी और लेट पेमेंट ब्याज को शामिल किया गया है। 

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