तृणमूल के ‘दीदी के बोलो’ अभियान के जवाब में भाजपा का ‘चा चक्रा’
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस बात से इनकार किया है कि सितंबर से डिजिटल माध्यम से शुरू होने वाले अभियान का मकसद तृणमूल के अभियान को मात देना है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के बीच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की होड़ लगी है। तृणमूल के ‘दीदी के बोलो’ (दीदी से कहो) अभियान के जवाब में भाजपा ‘चा चक्रा’ (साथ में एक कप चाय पीते हैं) अभियान शुरू करने जा रही है है। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस बात से इनकार किया है कि सितंबर से डिजिटल माध्यम से शुरू होने वाले अभियान का मकसद तृणमूल के अभियान को मात देना है।
'চা চক্রে' মাননীয় রাজ্য সভাপতি, সাংসদ শ্রী @DilipGhoshBJP pic.twitter.com/LX2osotHUN
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) August 22, 2019
उनका कहना है कि पार्टी के इस अभियान का लक्ष्य और प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंच बनाना है। घोष ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम लोगों तक पहुंचने में विश्वास रखते हैं। इसलिए इस साल सितंबर से हम यह चा चक्रा (एक साथ एक कप चाय पीते हैं) अभियान शुरू कर रहे हैं। इससे पहले सिर्फ मैं यह करता था और अब अन्य नेता भी करेंगे।’’
तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने लोगों से बेहतर जुड़ाव के लिए तृणमूल कांग्रेस की नई पहल की नकल करने की कोशिश के लिए भगवा दल का मज़ाक उड़ाया। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारी नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें यह करने दें। हम परेशान नहीं है, लेकिन यह उन्हें कोई सार्थक परिणाम नहीं देगा, क्योंकि उनके पास ममता बनर्जी जैसा कोई जन नेता नहीं है।’
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