Prabhasakshi NewsRoom: क्या Modi और Gadkari के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? गडकरी के बयान से तो कुछ ऐसे ही संकेत मिलते हैं!

nitin gadkari
ANI

अपनी साफगोई के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताते हुए कहा है कि ‘‘विचारधारा में इस तरह की गिरावट’’ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने शानदार कार्यों की बदौलत तो जाने ही जाते हैं साथ ही अक्सर उनके बयानों से ऐसा संकेत जाता है कि भाजपा आलाकमान के साथ उनके संबंध ठीक नहीं हैं। 2022 में भाजपा संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिये जाने के बाद गडकरी के कुछ बयान ऐसे आये हैं जिससे यह प्रतीत हुआ कि 'सब कुछ ठीक नहीं है'। कई बार ऐसी अटकलें भी चली हैं कि अब गडकरी चुनाव नहीं लड़ना चाहते या सक्रिय राजनीति नहीं करना चाहते। हालांकि अपने बयानों के सुर्खियों में आने के बाद या विवाद उठने के बाद हमेशा गडकरी ने यही कहा है कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया।

हम आपको यह भी बता दें कि ऐसे समय में जबकि भाजपा और एनडीए में शामिल होने के लिए नेताओं और राजनीतिक दलों की लाइन लगी हुई है तब गडकरी ने इस होड़ पर भी कटाक्ष किया है। अपनी साफगोई के लिए मशहूर नितिन गडकरी ने अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताते हुए कहा है कि ‘‘विचारधारा में इस तरह की गिरावट’’ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे भी नेता हैं जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। किसी का नाम लिए बिना गडकरी ने कहा, ‘‘मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।’’

इसे भी पढ़ें: Ajit Pawar Vs Sharad Pawar: चुनाव आयोग ने चाचा की घड़ी भतीजे के हाथों में थमाई, नई पार्टी के गठन के लिए शरद पवार को देने होंगे 3 नए नाम

हम आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री गडकरी लोकमत मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसमें सांसदों को उनके बेहतरीन योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता गडकरी ने कहा, ‘‘हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है। और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।’’ गडकरी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं। और सभी सत्तारुढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।’’ 

हम आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर और बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बहुजन समाज पार्टी से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली और माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास को सर्वश्रेष्ठ नए सांसद का पुरस्कार मिला। इस समारोह में भाजपा सांसद मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी सांसद राम गोपाल यादव को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर और भाजपा सांसद सरोज पांडे को साल की सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का पुरस्कार मिला।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़