Bihar Politics: क्या BJP से रिश्ता तोड़ेंगे चिराग पासवान? पीएम मोदी के हनुमान ने दे दिया साफ-साफ जवाब

modi chirag
ANI
अंकित सिंह । Aug 30 2024 6:29PM

चिराग पासवान स्पष्ट किया कि वह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते, क्योंकि ‘मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है। उन्होंने कहा कि जब मैं राजग का हिस्सा नहीं भी था तब भी मैं भाजपा और प्रधानमंत्री जी के विरोध में नहीं था।

बिहार में चिराग पासवान को लेकर एक अलग चर्चा जोरों पर है। दावा किया जा रहा है कि चिराग पासवान भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसके साथ ही यह भी दाहा किया जा रहा है कि चिराग पासवान की पार्टी के 3 सांसद भाजपा से संपर्क में हैं। कुल मिलाकर देखें तो चिराग पासवान जिस तरीके से हाल के दिनों में केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में खुलकर सामने आए हैं, उससे कई अटकलें का दौर शुरू हो गया है। तरह-तरह के सियासी कयास लगाया जा रहे हैं। हालांकि चिराग पासवान ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुझे को कोई अलग नहीं कर सकता है। 

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चिराग पासवान स्पष्ट किया कि वह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते, क्योंकि ‘मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है। उन्होंने कहा कि जब मैं राजग का हिस्सा नहीं भी था तब भी मैं भाजपा और प्रधानमंत्री जी के विरोध में नहीं था। आज साथ में रहकर विरोध करने की सोच मेरी जेहन में कहीं से नहीं आ सकती है। युवा नेता ने कहा कि इस बात को कतई नहीं भूलना चाहिए कि मेरा समर्पण मेरे प्रधानमंत्री के प्रति है। किस हद तक है, आप सभी ने उसे उस समय भी अनुभव किया होगा जब मैं अपने जीवन के सभी सबसे कठिन दौर से गुजर रहा था। तब भी मेरा विश्वास मेरे प्रधानमंत्री पर था और जितना स्नेह प्रधानमंत्री से मुझे मिला है, उसे आप लोगों ने हाजीपुर की सभा में उनके भाषण को सुना होगा। 

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चिराग पासवान ने कहा, ‘‘इस बात को कहने में मुझे कभी कोई एतराज नहीं है कि जब तक मेरे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी हैं, तबतक चिराग पासवान और प्रधानमंत्री दोंनो कभी अलग हो ही नहीं सकते। मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है।’’ उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके विचार हमेशा सरकार के रुख को दर्शाते हैं जिसका एक उदाहरण वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजना है। दरअसल ऐसी अफवाह है कि मोदी का ‘‘हनुमान’’ होने का दावा कर चुके चिराग पासवान ने भाजपा के संख्या बल में गिरावट (लोकसभा में बहुमत से दूर रहने और सत्ता में बने रहने के लिए सहयोगियों पर उसकी निर्भरता) की पृष्ठभूमि में अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया। 

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