Diwali से पहले बिहार में छाया मातम, जहरीली शराब पीने से सिवान और छपरा में हुई लोगों की मौत

बिहार के सीवान में अवैध शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं, बुधवार को सीवान के जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता ने ये जानकारी दी है। अधिकारी के अनुसार कुल 15 लोगों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया था, जिनमें से 2 से 3 लोगों को पटना रेफर कर दिया गया।
बिहार में जहरीली शराब ने एक बार फिर कोहराम मचाया है। इससे खुशियों के त्योहार दिवाली से पहले कई घरों कि चिराग बुझ गए है। बिहार के गावों में जहरीली शराब के कारण एक बार फिर से मातम छा गया है। जहरीली शराब पीने से यहां लगभग 24-25 लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार के सीवान में अवैध शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं, बुधवार को सीवान के जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता ने ये जानकारी दी है। अधिकारी के अनुसार कुल 15 लोगों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया था, जिनमें से 2 से 3 लोगों को पटना रेफर कर दिया गया। मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा, "भगवानपुर थाने के एसएचओ और मद्यनिषेध एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।" सीवान एसपी अमितेश कुमार के अनुसार, गुरुवार को नकली शराब पीने से सीवान में 20 लोगों की मौत हो गई है।
छपरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई के तहत मशरक थाने के एसएचओ और मशरक अंचल एएलटीएफ प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता के अनुसार भगवानपुर थाने के एसएचओ और मद्यनिषेध एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। एक अन्य घटना में सारण जिले में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई। हमने एसआईटी का गठन किया है और 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है: छपरा एसपी, कुमार आशीष ने बताया है।
एएनआई से बात करते हुए एक मृतक के रिश्तेदार ने कहा कि 15 अक्टूबर को शराब पीने के बाद उनके रिश्तेदार की तबीयत खराब हो गई थी। एक रिश्तेदार ने बताया, "उन्होंने 15 अक्टूबर को शराब पी थी और कल शाम से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, जिसके बाद हम उन्हें यहां अस्पताल लेकर आए।" दोनों मामलों में आगे की जांच चल रही है। इस बीच, विपक्षी आरजेडी ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला करते हुए सवाल उठाया है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद नकली शराब कैसे उपलब्ध कराई गई।
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "ज़हरीली शराब पीने से लोगों की जान चली गई है. यह बहुत ही दुखद और चिंता की बात है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी ज़हरीली शराब मिल रही है। हर बार होली और दिवाली के समय देखा जाता है कि किस तरह से ज़हरीली शराब से लोगों की मौत होती है। इसके लिए सीधे तौर पर एनडीए सरकार ज़िम्मेदार है। शराब माफियाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और जब तक उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है, तब तक शराबबंदी कानून का उल्लंघन इसी तरह होता रहेगा। इस एनडीए सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। जब शराबबंदी कानून लागू है तो इस तरह से ज़हरीली शराब कैसे मिल रही है?"
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