वक्फ बिल का बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया बचाव, बोले- इसमें सुधार की आवश्यकता

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब मैं यूपी में मंत्री था, तो कुछ समय तक मैंने वक्फ विभाग संभाला था। मुझे हमेशा ऐसे लोगों से मिलना पड़ता था, जिनके पास संपत्ति से जुड़े मामले चल रहे होते थे। वक्फ संपत्तियां लोगों के कल्याण के लिए होती हैं।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए इसकी संपत्तियों पर व्यापक विवादों का हवाला दिया। खान ने उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड के प्रभारी पूर्व मंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा किए और कहा कि वक्फ की 90 प्रतिशत से अधिक संपत्तियां कानूनी विवादों में उलझी हुई हैं। उन्होंने कहा, "यह दुर्लभ है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग धर्मार्थ उद्देश्यों, जैसे कॉलेज, विश्वविद्यालय या अनाथालय चलाने के लिए किया जाता है। इसके बजाय, वे बड़े पैमाने पर संपन्न वर्ग के हितों की सेवा करते हैं।"
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आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब मैं यूपी में मंत्री था, तो कुछ समय तक मैंने वक्फ विभाग संभाला था। मुझे हमेशा ऐसे लोगों से मिलना पड़ता था, जिनके पास संपत्ति से जुड़े मामले चल रहे होते थे। वक्फ संपत्तियां लोगों के कल्याण के लिए होती हैं। उन्होंने कहा कि पटना में बहुत सारी वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन पटना में वक्फ के तहत कोई एक अस्पताल या अनाथालय बताइए। वहां सिर्फ मामले ही बनते हैं। इसमें बहुत सुधार की जरूरत थी। और यह वक्फ संशोधन विधेयक इसी दिशा में एक कदम है।
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राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी। इस विधेयक के बारे में सरकार ने दावा किया कि इसके कारण देश के गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों एवं इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधाार लाने में काफी मदद मिलेगी। इसी के साथ संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। लोकसभा ने बुधवार देर रात करीब दो बजे इन्हें पारित किया था।
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