Atul Subhash case: आप क्यों नहीं चाहते कि जांच हो? HC ने निकिता सिंघानिया से पूछा सवाल

Subhash case
X Atul Subhash video
अभिनय आकाश । Jan 6 2025 7:29PM

एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आगे की जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पूछा ऐसे मामले में शॉर्ट-सर्किट जांच का सवाल कहां है, आप क्यों नहीं चाहते कि जांच हो?

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कथित आत्महत्या मामले में बेंगलुरु के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की निकिता सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वह सिंघानिया के खिलाफ दायर शिकायत को रद्द नहीं कर सकती क्योंकि शिकायत में प्रथम दृष्टया अपराध के तत्व सामने आ रहे हैं। एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आगे की जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पूछा ऐसे मामले में शॉर्ट-सर्किट जांच का सवाल कहां है, आप क्यों नहीं चाहते कि जांच हो?

इसे भी पढ़ें: Atul Subhash case: बेंगलुरु की कोर्ट से निकिता, निशा और अनुराग सिंघानिया को राहत, मिली जमानत

इससे पहले, बेंगलुरु की एक सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को सुभाष की पत्नी, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, तीनों आरोपी अदालत में पेश हुए। 34 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ ने अपनी अलग रह रही पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 9 दिसंबर को बेंगलुरु में अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। 

इसे भी पढ़ें: महाकुंभ से ठीक पहले HMPV वायरस का 'हमला'! एंटीबायोटिक्स भी बेअसर, नए खतरे से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत?

सुभाष ने आरोप लगाया था कि उनके ससुराल वालों ने तलाक के लिए उन पर 3 करोड़ रुपये देने का दबाव डाला था। उनके 40 पन्नों के सुसाइड नोट और डेढ़ घंटे के एक वीडियो के आधार पर जिसमें उन्होंने उस स्थिति को समझाया जिसके कारण उन्हें यह कठोर कदम उठाना पड़ा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़