अचानक क्या हुआ? हरियाणा में कांग्रेस की हार पर बोले अशोक गहलोत, पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा

Ashok Gehlot
ANI
अंकित सिंह । Oct 11 2024 4:00PM

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि पूरा देश देख रहा था कि कांग्रेस जीत रही है, प्रदेश देख रहा है कि कांग्रेस जीत रही है। लेकिन अचानक क्या हुआ? आश्चर्यजनक नतीजे आए, इसलिए इसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है।

हरियाणा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस लगातार समीक्षा बैठक कर रही है। कांग्रेस इसको लेकर फैक्ट-फाइंडिंग टीम भी बनाने जा रही है। इन सबके बीत राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। अशोक गहलोत ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। कल एक बैठक हुई, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला किया कि एक मंच बनाया जाएगा जहां हमारे सभी उम्मीदवार - जीतने और हारने वाले दोनों और राज्य के नेता गहराई से विचार करेंगे और आकलन करेंगे कि वास्तव में क्या हुआ था। 

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि पूरा देश देख रहा था कि कांग्रेस जीत रही है, प्रदेश देख रहा है कि कांग्रेस जीत रही है। लेकिन अचानक क्या हुआ? आश्चर्यजनक नतीजे आए, इसलिए इसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है। कहा जा रहा है कि वहां गुट थे, अति आत्मविश्वास था, जातिगत समीकरण बदल गए - ये बातें तो कही जाती रहती हैं। लेकिन हमने पहली बार ऐसी स्थिति देखी है कि नतीजे पलट जाएं। गहलोत ने कहा कि किसी को समझ नहीं आ रहा कि हरियाणा में ये कैसे हो गया। यहां तक ​​कि बीजेपी नेता भी कह रहे थे कि कांग्रेस जीत रही है। लेकिन मुझे लगता है कि जब तक आप गहराई में नहीं जाते, तब तक टिप्पणी करना सही नहीं है। 

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पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का भी बयान सामने आया है। हरीश रावत ने कहा कि हरियाणा में हार बहुत आश्चर्यजनक थी। यह पार्टी के लिए न सिर्फ चुनौती है बल्कि झटका भी है। लोग चाहते थे कि कांग्रेस जीते. हरियाणा चाहता था कि कांग्रेस जीते। बीजेपी जाति के आधार पर पार्टी का ध्रुवीकरण करने में सफल रही। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि हर जगह उनकी यही रणनीति है- हिंदू और मुसलमानों के बीच ध्रुवीकरण, जातियों के नाम पर ध्रुवीकरण। ध्रुवीकरण के बिना वे राजनीति नहीं कर सकते। एक बैठक हुई और उन लोगों से विवरण मांगा गया जो हरियाणा में (चुनाव पर) काम कर रहे थे। राहुल गांधी ने जो कहा वह उनकी टिप्पणी नहीं बल्कि उनका मार्गदर्शन है। मैं यह नहीं कहूंगा कि लोग निस्वार्थ भाव से राजनीति में हैं लेकिन आपको पार्टी हित, राष्ट्रहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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