आशा कार्यकर्ता अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगी, केरल की सभी महिलाओं से साथ आने का आह्वान

प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं में से एक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हमें समय मिलेगा, तो हम केंद्र को भी बताएंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि वे राज्य सरकार के लिए काम करती हैं, इसलिए उसे उनकी मांगों को पूरा करने की पहल करनी चाहिए।
मानदेय और सेवानिवृत्ति लाभों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर लगातार 24 दिनों से सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहीं ‘आशा’ (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के एक वर्ग ने बुधवार को कहा कि वे राज्य की सभी महिलाओं को अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित कर अपने आंदोलन को तेज करेंगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वे आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य की सभी महिलाओं को अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का इरादा रखती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि उनकी दुर्दशा के लिए केंद्र या राज्य सरकार में से कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों (केंद्र एवं राज्य सरकार) समान रूप से जिम्मेदार हैं और उन्हें एक साथ बैठकर समाधान निकालना होगा। हमारा मुद्दा यह है कि हम 232 रुपये प्रतिदिन पर काम करके जीवित नहीं रह सकते। अभी हम यह बात केवल राज्य सरकार से ही कह सकते हैं।’’
प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं में से एक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हमें समय मिलेगा, तो हम केंद्र को भी बताएंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि वे राज्य सरकार के लिए काम करती हैं, इसलिए उसे उनकी मांगों को पूरा करने की पहल करनी चाहिए।
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