अर्जुन सिंह: कभी टीएमसी के अहम हिस्सा रहे, आज बैरकपुर से हैं भाजपा सांसद
अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में आ गए थे। पार्टी ने उन्हें बैरकपुर से टिकट दिया। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी को हराकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपनी पकड़ को मजबूत की। अर्जुन सिंह का राजनीति में पुराना अनुभव है।
पश्चिम बंगाल से जब भी राजनीतिक हिंसा की खबरें आती हैं तो उसमें एक नाम चर्चा में जरूर रहता है। वह नाम है बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह का बंगाल में हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर अर्जुन सिंह जबरदस्त तरीके से हमलावर रहते हैं। यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के भी नेता अर्जुन सिंह पर पलटवार करने से पीछे नहीं हटते। अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में आ गए थे। पार्टी ने उन्हें बैरकपुर से टिकट दिया। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी को हराकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपनी पकड़ को मजबूत की। अर्जुन सिंह का राजनीति में पुराना अनुभव है। उनका परिवार भी राजनीति में रहा है। वह तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में भाटपारा विधान सभा सीट से 4 बार लगातार जीते हैं। फिलहाल अर्जुन सिंह पश्चिम बंगाल भाजपा के 12 उपाध्यक्ष में से एक हैं।
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अर्जुन सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1962 को पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना में हुआ था। उनके पिता सत्यनारायण सिंह भी सक्रिय राजनेता थे और कांग्रेस की राजनीति करते थे। वह भाटपारा से तीन बार विधायक रहे हैं। अर्जुन सिंह की पढ़ाई लिखाई पश्चिम बंगाल में ही हुई है। राजनीतिक सक्रियता की वजह से इन्होंने पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया। अपने शुरुआती दिनों में अर्जुन सिंह जूट मिल्स में भी काम कर चुके हैं। अर्जुन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस के सदस्य के रूप में की थी। वह कांग्रेस से की टिकट पर भाटपारा नगर पालिका चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि 2001 से पहले वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने भाटपारा में सीपीआईएम के निकटतम उम्मीदवार रामप्रसाद कुंडू को हराया और पहली बार विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वह 2019 तक लगातार भाटपारा का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे।
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अर्जुन सिंह के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 में भाटपारा में हुए विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पवन सिंह ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2021 के बीच चुनाव में उन्हें यहां से जीत मिली है। अर्जुन सिंह तृणमूल कांग्रेस के हिंदी विंग के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब में तृणमूल कांग्रेस के स्टेट इंचार्ज भी रह चुके हैं। उन्होंने भाटपारा म्युनिसिपालिटी में चेयरमैन के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी है। अर्जुन सिंह लगातार आरोप लगाते हैं कि भाजपा में शामिल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस उन्हें लगातार परेशान करने की कोशिश करती है। कई दफा अर्जुन सिंह बंगाल में खुद पर हुए हमलो का भी आरोप लगाते रहे हैं। फिलहाल उन्हें केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई है।
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