कृष्णा नदी के पानी की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा आंध्र प्रदेश: सिंचाई मंत्री
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश इससे सहमत नहीं है कि ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण कृष्णा नदी के पानी को तेलुगु राज्यों के बीच वितरित करे। मंत्री ने कहा कि वे (राज्य सरकार) किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और विश्वास जताया कि आंध्र प्रदेश यह लड़ाई जीतेगा। रामबाबू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृष्णा नदी के पानी को लेकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच लंबे समय से मतभेद हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी, क्योंकि वह पड़ोसी राज्य तेलंगाना के साथ कृष्णा नदी के पानी के बंटवारे को लेकर ‘ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण’ के फैसले पर अमल को लेकर सहमत नहीं है। राज्य के सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने शनिवार को यह जानकारी दी। रामबाबू ने कहा कि राज्य सरकार ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण के निर्देशों को शामिल करते हुए एक गजट अधिसूचना जारी होने की पृष्ठभूमि में शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी। विजयवाड़ा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रामबाबू ने कहा, ‘‘हम ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण के कार्यकाल का विस्तार करने के केंद्र सरकार और जल शक्ति मंत्रालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में लड़ेंगे।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृष्णा नदी के पानी को दोनों राज्यों के बीच बांटने के लिए तैयार किये जा रहे नये दिशानिर्देशों की योजना से आंध्र प्रदेश सहमत नहीं होगा। इस समय ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए, रामबाबू ने कहा कि कृष्णा नदी का पानी पहले से ही बछावत न्यायाधिकरण के अनुसार वितरित किया जा रहा है। रामबाबू की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कृष्णा जल विवाद अधिकरण की संदर्भ शर्तों को मंजूरी देने की पृष्ठभूमि में आयी है, जिसके तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच नदी के जल बंटवारे को नियंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश इससे सहमत नहीं है कि ब्रजेश कुमार न्यायाधिकरण कृष्णा नदी के पानी को तेलुगु राज्यों के बीच वितरित करे। मंत्री ने कहा कि वे (राज्य सरकार) किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और विश्वास जताया कि आंध्र प्रदेश यह लड़ाई जीतेगा। रामबाबू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृष्णा नदी के पानी को लेकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच लंबे समय से मतभेद हैं।
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