जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजेंगे अखिलेश! चुनाव में दिखेगा नए-पुराने उम्मीदवारों का मिश्रण
समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की एक बैठक भी बुलाई गई है। सपा सूत्रों के मुताबिक जयंत के नाम पर चर्चा हो सकती है और वह उम्मीदवारों की सूची में प्रबल दावेदार हैं। इसके अलावा सबकी निगाहें कपिल सिब्बल पर भी है।
देशभर में राज्यसभा की 57 सीटों पर चुनाव होने हैं। हालांकि इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपने-अपने समीकरणों को साधने की शुरुआत कर दी है। इस बार के चुनाव में पुराने और नए उम्मीदवारों का मिश्रण दिखाई देगा। दरअसल, 10 जून को होने वाले राज्यसभा के चुनाव के लिए सभी पार्टियों में कई बड़े दावेदार है। हालांकि इस बार राज्यसभा में कई बड़े दिग्गजों की वापसी दिखाई नहीं दे रही है। जबकि कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इस चुनाव को लेकर अटकलों का दौर लगातार जारी है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजा जाएगा। इसको लेकर जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात भी होनी है।
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कपिल सिब्बल पर मंथन
समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की एक बैठक भी बुलाई गई है। सपा सूत्रों के मुताबिक जयंत के नाम पर चर्चा हो सकती है और वह उम्मीदवारों की सूची में प्रबल दावेदार हैं। इसके अलावा सबकी निगाहें कपिल सिब्बल पर भी है। कपिल सिब्बल लगातार कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कपिल सिब्बल को कांग्रेस की ओर से एक बार फिर से राज्यसभा भेजा जाएगा या नहीं। इससे पहले उन्हें समाजवादी पार्टी का सहयोग प्राप्त था और वे राज्यसभा के लिए चुने गए थे। कपिल सिब्बल के सपा के कई नेताओं के साथ अच्छे संबंध भी है। 2017 में जब समाजवादी पार्टी के भीतर उतल-पुथल मची थी, तब कपिल सिब्बल ने अखिलेश का साथ दिया था और पार्टी का साइकिल चिन्ह बनाए रखने में उनकी मदद की थी।
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आरपीएन सिंह को टिकट!
फिलहाल समाजवादी पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि अभी तक उम्मीदवारों के बारे में फैसला नहीं हो सका है। वहीं कांग्रेस में यह कह रही है कि अभी राज्यसभा चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हो रही है जो भी फैसला होगा, वह हाईकमान ही करेगा। हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक कपिल सिब्बल की भी प्रतिक्रिया आ गई है। कपिल सिब्बल के मुताबिक उनसे कोई संपर्क नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं गरीबों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हमेशा आगे रहता हूं। दूसरी ओर भाजपा भी राज्यसभा को लेकर कई नामों पर चर्चा कर रही है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की बल्ले-बल्ले हो सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेज सकती है। हालांकि आरपीएन सिंह ने कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी को फायदा हुआ था।
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