Delhi में वायु गुणवत्ता हुई खराब, विशेषज्ञों ने प्रतिकूल मौसम और पराली जलाने का दिया हवाला

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समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने सीएक्यूएम समिति को बताया कि पूर्ण रूप से शुष्क परिस्थितियों के साथ-साथ उच्च तापमान के कारण हवा की दिशा और गति तेजी से बदल रही है, जिससे क्षेत्र में धूल का जमाव जारी है।

राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बुधवार को ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गयी, जिसके पीछे प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने तथा जंगल में आग लगने की घटनाएं प्रमुख कारण हैं।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह जानकारी दी। दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे तक बढ़कर 243 हो गया, जिसकी वजह से सीएक्यूएम को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों के साथ एक समीक्षा बैठक बुलानी पड़ी।

सीएक्यूएम, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त एक वैधानिक निकाय है। रविवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 183 था, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।

वहीं सोमवार को एक्यूआई 227 और मंगलवार को 234 रहा था, जो ‘खराब’ श्रेणी में प्रवेश कर गया। समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने सीएक्यूएम समिति को बताया कि पूर्ण रूप से शुष्क परिस्थितियों के साथ-साथ उच्च तापमान के कारण हवा की दिशा और गति तेजी से बदल रही है, जिससे क्षेत्र में धूल का जमाव जारी है।

न्होंने बताया कि एनसीआर और उसके आसपास के राज्यों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और जंगल की आग की घटनाओं ने वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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